संसद के शीतकालीन सत्र के बीच विपक्ष बार-बार एसआईआर (SIR) के मुद्दे पर हंगामा कर रहा है और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है. 2 दिन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद अब SIR को लेकर केंद्र सरकार बहस के लिए तैयार हो गई है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार एसआईआर के मुद्दे पर बहस के लिए बुधवार, 10 दिसंबर का दिन निर्धारित किया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने 150 साल पुराने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम पर बहस की डिमांड की थी. मंगलवार को संसद में वंदे मातरम और SIR को लेकर हंगामा हुआ, जिस पर विपक्ष ने भी केंद्र सरकार पर पलटवार किया.
हालांकि विपक्ष इस बात पर अड़ रहा कि वंदे मातरम पर बहस से पहले सरकार को एसआईआर मुद्दे पर बहस करनी चाहिए. हालांकि विपक्ष इस बात पर अड़ रहा कि वंदे मातरम पर बहस से पहले सरकार को एसआईआर मुद्दे पर बहस करनी चाहिए. गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष के चल रहे विरोध के बीच, नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह केवल एसआईआर ही नहीं, बल्कि व्यापक अर्थों में चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है.
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लोकसभा के दूसरे दिन भी जारी रहा हंगामा
राज्यसभा के भीतर मंगलवार को विपक्षी दलों ने एक बार फिर मतदाता सूची के 'स्पेशल इंटेंसिव रिविजन' (SIR) पर तत्काल चर्चा की मांग उठाई, जिससे सदन की कार्यवाही गर्मा गई और हंगामे की स्थिति बन गई. विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के मध्य भाग में पहुंच गए, जबकि सरकार की ओर से मंत्रियों ने अपील की कि किसी भी विषय पर चर्चा तय करने से पहले औपचारिक बैठक और सहमति जरूरी है.
किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत करेंगे ताकि चर्चा का रास्ता तय किया जा सके. उन्होंने विपक्ष से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि संसद चलाने के लिए प्रक्रियागत मर्यादाएं जरूरी हैं. रिजिजू ने कहा, 'कल भी मैंने आग्रह किया था कि किसी भी विषय पर समयसीमा तय करने की जिद न की जाए. पहले मिल-बैठकर तय करें कि क्या और कब चर्चा होगी.'