सदन की सुरक्षा में बड़ी चूक को देखकर पूरे देश चौंक गया है। इस दौरान दो युवक विजिटर गैलरी से होते हुए टेबल पर पहुंचे और फिर भागने लगे। इस दौरान उन आरोपियों ने संसद को धुआं-धुआं कर दिया है। इन्होंने धुआं छोड़ने के लिए स्मोक कनस्तर का उपयोग किया था। हालांकि, आमतौर पर शादी समारोह और फिल्मों में इस तरह के स्मोक कनस्तरों को इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, सेना में भी धुआं छोड़ने के लिए ग्रेनेड का उपयोग होता है, लेकिन वो बेहद ही खतरनाक होता है।
अगर शादी समारोह या अन्य उत्सव की बात करें तो वहां भी इस तरह से रंग बिरंगे गैस छोड़ी जोती हैं। इस दौरान जिस स्मोक कनस्तर का इस्तेमाल होता है तो पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि एक पतले कैन की तरह स्मोक बम या ग्रेनेड फेंका जाता है, जिसमें से रंग बिरंगा धुआं निकलता है। साथ ही होली के पर्व में भी कलर स्टिक का उपयोग होता है। हालांकि, सेना और समारोह में उपयोग होने वाले कनस्तर बम अलग-अलग होते हैं। समारोह में जिस कलर स्टिक का उपयोग होता है वो नुकसान नहीं पहुंचाता है।
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जानें आरोपियों ने कौन से कनस्तर स्प्रे का किया था इस्तेमाल
आरोपियों ने संसद के अंदर और बाहर जिस स्प्रे का इस्तेमाल किया था, वह बिल्कुल खतरनाक नहीं था। उन्होंने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए ऐसा किया था। संसद में स्प्रे के जरिये सिर्फ पीला धुआं फैला था। इसे देखकर सांसदों की बेचैनी बढ़ गई थी। इस मामले में अब तक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी अभी फरार चल रहा है।
सेना में धुआं फैलाने के लिए ग्रेनेड का होता है इस्तेमाल
आमतौर पर भारतीय सेना में धुआं फैलाने के लिए इस तरह के कनस्तर बम या ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जाता है। सेना में अपने साथियों को संकेत देने या आतंकियों को रोकने के लिए ऐसा धुआं छोड़ा जाता है। ऐसा करने की मुख्य वजह सामने वाले दृश्यों को छिपाना होता है। साथ ही युद्ध के दौरान भी ऐसे स्मोक बम का इस्तेमाल होता है। अक्सर देखा जाता है कि दुश्मनों को भ्रमित करने या उससे बचने के लिए इस तरह का धुंआ छोड़ा जाता है। साथ ही एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों को धुएं छोड़कर संकेत दिए जाते हैं।