Pakistan Invited PM Modi: पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी को न्योता भेजा है। उन्होंने पाकिस्तान बुलाया गया है, क्योंकि पाकिस्तान में शासनाध्यक्ष परिषद (CHG) की बैठक होने जा रही है। 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह बैठक होगी और चीन में इसमें शामिल होगा, क्योंकि इसमें शामिल होने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नेताओं को भी बुलाया गया है।
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने अभी निमंत्रण स्वीकार नहीं किया है और अगर वे इसे स्वीकार करते हैं तो उम्मीद नहीं कि वे इसमें हिस्सा लेने जाएंगे। अब देखना यह है कि क्या प्रधानमंत्री इस मीटिंग के लिए किसी भारतीय प्रतिनिधि को भारत भेजेंगे या पाकिस्तान में मीटिंग के आयोजन का बॉयकॉट होगा। क्योंकि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध पूरी दुनिया जानती है, फिर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय प्रतिनिधि पाकिस्तान जा सकता है।
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जम्मू में आतंकी हमलों से और तल्ख हुए रिश्ते
बता दें कि CHG के मेजबानी करने का मौका सभी देशों को मिलता है। इस बार यह मौका पाकिस्तान को मिला है। इस बैठक में दुनियाभर के देशों के प्रमुख या उनके प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं और मिलकर कुछ फैसले लेते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते रहे हैं। इस बार यह सम्मेलन कजाकिस्तान में हुआ था, जिसमें उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था।
उन्होंने इस सम्मेलन में जाने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन भारत की ओर से इस सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर गए थे। ऐसे में पाकिस्तान में होने वाली CHG बैठक में भी विदेश मंत्री जयशंकर को ही भेजा जा सकता है, लेकिन वे पाकिस्तान न जाकर वर्चुअली इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। क्योंकि पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर में हो रहे आतंकी हमलों के कारण भारत पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ज्यादा तल्ख हुए हैं।
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बिलावल भुट्टो जरदारी आए थे भारत
बता दें कि भारत की ओर से पाकिस्तान का दौरा पिछली बार विदेश मंत्री रहीं स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने किया था। वे 9 साल पहले वर्ष 2015 में पाकिस्तान गई थीं। बता दें कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही रूस-चीन के नेतृत्व वाले SCO समूह के मेंबर हैं। SCO एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां भारत और पाकिस्तान मिलकर काम करते रहे हैं।
हालांकि 2015 में सुषमा स्वराज के पाकिस्तान दौरे और वहां हुई बातचीत के बाद हुए आतंकी हमलों से दोनों देशों की दुश्मनी बढ़ी है, बावजूद इसके पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पिछले साल SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने भारत आए थे, लेकिन भारत की ओर से ऐसा होगा, इसकी उम्मीद न के बराबर ही है।
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