Pahalgam Terror attack Behind Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 27 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 17 से अधिक लोग घायल हुए। अब इस हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले की साजिश पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में रची गई थी, जहां आतंकियों की एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई थी।
पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, रावलपिंडी में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की एक संयुक्त बैठक हुई थी। इसी बैठक में पहलगाम में टारगेटेड टूरिस्ट हमले की योजना बनाई गई। एजेंसियों का मानना है कि हमलावरों को सीमा पार से ट्रेनिंग और हथियार उपलब्ध कराए गए थे।
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स्थानीय लोगों की मदद से की गई थी रेकी
मिली जानकारी के अनुसार, पूरा ग्राउंड वर्क किया गया था। आतंकियों को पता था कि सुरक्षा फोर्स का रिस्पांस टाइम क्या होगा। उन्होंने लोकल लोगों की मदद से ग्राउंड वर्क रेकी करके इस आतंकी घटना को अंजाम दिया था। आतंकियों को पता था कि इस घटना के बाद उन्हें कैसे भागने का मौका मिलेगा। आतंकवादियों ने पहलगाम अटैक में हाईटेक वेपंस का इस्तेमाल भी किया था जो उन्हें पाक से ही मिले।
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा फिर उजागर
एक ओर पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को “शांति प्रिय” देश बताता है, वहीं दूसरी ओर उसकी जमीन पर आतंकियों की साजिशें खुलकर चल रही हैं। रावलपिंडी जो कि पाकिस्तान की मिलिट्री की सबसे बड़ी बेस है, वहीं पर ऐसे आतंकी साजिश का खुलासा होना पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इतना सब होने के बाद भी पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार का कहना है कि उनका पहलगाम अटैक में कोई हाथ नहीं है, अगर भारत के पास सबूत है तो वो लाकर दे।
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