Pahalgam attack Behind Reason: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते दिन हुए आतंकी हमले को हाल ही में लोगों पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक माना गया है। हमले को अंजाम देने वालों के पहले स्केच जारी हुए थे अब तस्वीर भी जारी कर दी गई है। इन आतंकियों की पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान साह और अबू तल्हा के रूप में की गई है। आइए जानते हैं, मामले में अब तक क्या-क्या खुलासे हुए।
हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ
पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक सहयोगी संगठन है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को पाकिस्तानी हैंडलर्स से प्रशिक्षण और उन्नत सैन्य हथियार मिले थे। आतंकियों ने हमले से पहले 1 से 7 अप्रैल तक क्षेत्र की रेकी की थी, जिससे यह सुनियोजित हमला प्रतीत होता है।
जाति पूछकर गोली मारी
हमले के बाद वायरल हो रहे वीडियो से सामने आया कि आतंकियों को धर्म-जाति पूछकर पर्यटकों को गोली मारी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने हमले में धार्मिक आधार पर निशाना बनाया। उन्होंने पीड़ितों से उनके नाम और धर्म पूछे, गैर-मुस्लिमों को चुन-चुनकर गोली मारी। कुछ मामलों में, उन्होंने पुरुषों को कलमा पढ़ने को कहा और जो इन मानदंडों को पूरा नहीं करते थे, उन्हें गोली मार दी गई।
हमले का मास्टरमाइंड रिवील
खुफिया एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद और दो पीओके-आधारित आतंकियों को हमले का मास्टरमाइंड बताया है। आतंकियों के पास ड्राई फ्रूट्स, दवाइयां और संचार उपकरणों से भरे बैग थे, जो उनकी लंबी तैयारी और स्थानीय सहायता की ओर इशारा करते हैं। तीन संदिग्धों के स्केच भी जारी किए गए हैं, जिनमें असिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तलहा के नाम शामिल हैं।
AK-47 राइफल्स लैश थे आतंकी
बताया जा रहा है कि पर्यटकों पर चुन-चुनकर मारने के बाद ये आतंकी पास के पहाड़ी जंगलों में छुप गए हैं। उन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों की तरफ से गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों के पास AK-47 राइफल्स थीं। इसी से उन्होंने मासूमों की जान ली थी। आतंकी हमले से बचकर लौटे लोगों ने बताया कि वो आतंकी पश्तों भाषा में बात कर रहे थे।
पाकिस्तान की संलिप्तता
हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर कई स्रोतों ने प्रकाश डाला है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना के प्रमुख के हालिया बयानों को हमले के लिए उकसावे के रूप में देखा जा रहा है। यह हमला जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और शांति की प्रगति को बाधित करने और क्षेत्र को वैश्विक सुर्खियों में लाने की कोशिश के रूप में माना जा रहा है। हालांकि पाकिस्तान ने हमले में हाथ होने से साफ तौर पर इनकार किया है।
आतंकियों का निशाना पहलगाम ही क्यों?
पहलगाम में आतंकी हमले को अंजाम देने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर के लिए प्रसिद्ध पहलगाम में आतंकी हमला इसे धार्मिक रूप से संवेदनशील बनाता है। आतंकियों ने हमले में धार्मिक आधार पर निशाना बनाया, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से पता चलता है।
पहलगाम को उसकी पर्यटक लोकप्रियता, धार्मिक महत्व, सुरक्षा चुनौतियों और प्रतीकात्मक मूल्य के कारण निशाना बनाया गया। यह हमला न केवल स्थानीय स्तर पर आतंक फैलाने, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को प्रभावित करने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।