पहलगाम हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा है। दरअसल इस हमले के पीछे पाकिस्तान की सीधी भूमिका सामने आई है। हमले में पाकिस्तान के 3 आतंकी शामिल थे। इन तीनों ने स्थानीय लोगों को अपनी योजना की भनक तक नहीं लगने दी थी। NIA की जांच में पता चला है कि सेना को जो कारतूस मौके पर मिले थे वहीं आतंकियों के एनकाउंटर के बाद उनके पास से बरामद हुए थे।
NIA की जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है। आतंकियों ने बैसरन घाटी को कई बार रेकी करने के बाद चुना था। क्योंकि बैसरन घाटी सुनसान जगह पर थी और वहां पर्यटकों की संख्या भी ज्यादा रहती है। अभी भी पहलगाम हमले की जांच जारी है। NIA का दावा है कि पहलगाम के बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के 3 पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।
ऑपरेशन महादेव के बाद NIA ने पहली बार दिया अधिकारिक बयान
पहलगाम केस की शुरुआती जांच में चार से पांच हमलावर बताए जा रहे थे, लेकिन NIA की जांच ने सबकुछ साफ कर दिया है। एजेंसी का दावा है कि सिर्फ 3 आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। गृह मंत्री अमित शाह ने भी हाल ही में संसद में ऑपरेशन महादेव के दौरान पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले 3 आतंकियों के मारे जाने की बात कही थी। उन्होंने संसद में कहा था कि मारे गए 3 आतंकियों ने पहलगाम में निर्दोष लोगों को मारा था। वहीं ऑपरेशन महादेव के बाद NIA ने पहली बार पहलगाम हमले को लेकर अधिकारिक बयान दिया है।
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स्थानीय लोगों ने की थी मदद
NIA ने जून में इस मामले में स्थानीय निवासी परवेज़ अहमद और बशीर अहमद को गिरफ्तार किया था। इन दोनों ने आतंकवादियों को रहने-खाने की व्यवस्था की थी। NIA का दावा है कि इन दोनों से पूछताछ करने पर पता चला कि हमला करने वाले तीनों आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। NIA ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा था।
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ऑपरेशन महादेव चलाकर आतंकियों को किया ढेर
NIA का कहना है कि इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की तलाश तेज कर दी और 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’ में तीनों पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया। जांच में पता चला कि ये आतंकवादी हमले के बाद से दाचीगाम-हरवान के जंगलों में छिपे हुए थे। छानबीन करने पर इनके पास से भी पहलगाम अटैक में मिले कारतूस बरामद किए गए थे।










