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क्या विपक्ष ने खुद करवाया था अपने सांसदों को सस्पेंड? जानें क्यों उठ रहा है ये सवाल

Opposition Roll Behind MP's Suspension : सांसदों के निलंबन को लेकर विश्वसनीय जानकारी निकलकर आ रही है कि यह विपक्ष ने खुद करवाया था। मामला बेहद चौंकाने वाला है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Dec 19, 2023 19:52
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कुमार गौरव/नई दिल्ली

सांसदों के निलंबन को लेकर एक ओर विपक्ष विरोध प्रदर्शन तेज किए हुए है, वहीं इसी के साथ सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या यह निलंबन विपक्ष ने खुद करवाया है? अगर हां तो क्यों? दरअसल, मंगलवार को विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि यह निलंबन खुद विपक्ष के सांसदों की तरफ से दी गई लिस्ट के आधार पर हुआ है। सच्चाई क्या है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि फिलहाल देश का राजनैतिक माहौल पूरी तरह से गर्म है।

सांसदों के हंगामे की वजह

ध्यान रहे, 13 दिसंबर को साल 2001 में संसद भवन पर हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन हुआ। वाकया उस वक्त का है, जब लोकसभा में शून्यकाल चल रहा था। अचानक सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो युवक दर्शक दीर्घा फांदकर टेबल तक पहुंच गए। यहां पीले रंग का धुआं छोड़ने और नारेबाजी करने पर सुरक्षा अमले ने इन्हें तुरंत पकड़ लिया। उधर, नीलम देवी और अमोल शिंदे नामक दो कम्युनिस्ट पार्टी समर्थकों ने संसद के बाहर भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया। इस मामले में दिल्ली पुलिस अब तक इन चारों के अलावा दो अन्य को गिरफ्तार करके आगे की जांच में जुटी हुई है, वहीं विपक्षी सांसदों ने भी इस मामले को लेकर संसद में हंगामा किया।

बढ़कर 141 हो गई सस्पेंड किए जा चुके सांसदों की गिनती

इस हंगामे के चलते 14 सांसदों को गुरुवार को सस्पेंड कर दिया गया तो सोमवार को 33 लोकसभा और 45 राज्यसभा सांसदों को पूरे विंटर सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। इसको लेकर मंगलवार को फिर से विपक्षी सांसदों ने संसद के नए भवन के बाहर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, इस प्रदर्शन के बाद मंगलवार की कार्रवाई को मिलाकर अब तक विपक्ष के कुल 141 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।

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ये है चौंकाने वाला पहलू

इसी बीच एक चौंकाने वाला पहलू सामने आया है कि सांसदाें का यह निलंबन विपक्ष ने खुद करवाया है। उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार विपक्ष ने कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करके एक लिस्ट सौंपकर सांसदों के निलंबन का आग्रह किया था। बाद में सरकार ने एक प्रस्ताव के जरिये निलंबन की कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि विपक्ष की तरफ से पहले 25 सांसदों की सूची दी गई। फिर उसमें 7 नाम और जोड़े गए। इतना ही नहीं, इससे पहले कि यह लिस्ट पूरी तरह तैयार हो पाती, इसमें 8 नए नाम शामिल हो जाने के बाद कुल संख्या 40 हो गई और जब प्रस्ताव पढ़ा जा रहा था तो इसमें 9 नाम और भी जुड़ गए। सूत्रों की मानें तो इतनी बड़ी संख्या में एक साथ निलंबन विपक्ष के दबाव का नतीजा है। विपक्ष के नेताओं ने संसदीय कार्य मंत्री से मिलकर अपील की थी कि निलंबित का ऐलान जल्द से जल्द किया जाए।

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First published on: Dec 19, 2023 07:49 PM

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