भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने के लिए बड़ा कूटनीतिक दांव खेला है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब केंद्र सरकार सांसदों के डेलिगेशन को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजने जा रही है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान ने सांसदों के डेलिगेशन से अपना नाम वापस ले लिया। इसे लेकर टीएमसी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए।
टीएमसी सांसद यूसुफ पठान ने सोमवार को उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से अपना नाम वापस ले लिया, जो ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख को रखने के लिए दुनियाभर के देशों का दौरा करेगा। टीएमसी के दो नेताओं के अनुसार, पार्टी ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि सरकार ने पार्टी से बिना बातचीत किए सीधे यूसुफ पठान को मनोनीत कर दिया।
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TMC ने केंद्र सरकार से पूछे ये सवाल?
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार तृणमूल के प्रतिनिधि पर कैसे फैसला कर सकती है? उन्हें विपक्ष के साथ चर्चा करके तय करना चाहिए था कि कौन सी पार्टी किस सांसद को भेजेगी? ये बीजेपी कैसे तय कर सकती है कि टीएमसी किस प्रतिनिधि को भेजेगी? तृणमूल बैठक का बहिष्कार नहीं कर रही है? टीएमसी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले का राजनीतिकरण नहीं किया है।
सुदीप बंदोपाध्याय ने क्यों किया था इनकार?
इसे लेकर टीएमसी के एक नेता ने कहा कि किरेन रिजिजू ने सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा नेता सुदीप बंदोपाध्याय से डेलिगेशन में शामिल होने के लिए संपर्क साधा था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। सरकार ने आगे बढ़कर किसी अन्य तृणमूल नेता से परामर्श किए बिना यूसुफ पठान के नाम की घोषणा कर दी। बहरामपुर से यूसुफ पठान पहली बार सांसद हैं, जहां उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को हराया था।
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