ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच बात हुई है। दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच 1 जुलाई को कैदियों की सूची आदान-प्रदान की गई है। नई दिल्ली और इस्लामाबाद में यह प्रक्रिया की गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। दोनों देशों के फैसले के बाद जल्द ही नागरिकों की रिहाई की जाएगी।
हर साल सौंपी जाती है कैदियों की लिस्ट
कांसुलर एक्सेस (consular access) 2008 द्विपक्षीय समझौते के तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई के बीच भारत-पाक एक-दूसरे को कैदियों की सूची सौंपता है। इस साल भारत ने अपनी 382 आम पाकिस्तान नागरिक और 81 मछुआरों की लिस्ट पाक को सौंपी है। इसी तरह पाकिस्तान ने 53 आम भारतीय और 193 मछुआरों के नाम साझा किया हैं। पाकिस्तान ने सभी को भारतीय बताया है। इसे लेकर भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तान में अपने नागरिकों की जल्द रिहाई कराकर वतन वापसी कराई जाएगी। इसी तरह पाकिस्तान ने भी भारत से पाक कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है।
India and Pakistan today exchanged, through diplomatic channels simultaneously in New Delhi and Islamabad, the lists of civilian prisoners and fishermen in each other’s custody. Under the provisions of the bilateral Agreement on Consular Access 2008, such lists are exchanged… pic.twitter.com/02MB4Zst6O
— ANI (@ANI) July 1, 2025
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भारत ने पाकिस्तान से की ये मांग
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि उनकी कैद 26 भारतीय नागरिक और मछुआरे कैद हैं। इन सभी की पहचान भारतीय के रूप में हो गई है। भारत ने मांग की है कि इन सभी को तत्काल कांसुलर एक्सेस (consular access) प्रदान किया जाए। भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि इस कार्य में तेजी लाकर कैदियों को रिहा किया जाए। इसी तरह पाकिस्तान ने भी भारत से अनुरोध कर पाक नागरिकों को छोड़ने की मांग की है।
11 सालों में 2661 मछुआरों और 71 नागरिकों को कराया आजाद
केंद्र में 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से अब 2,661 भारतीय मछुआरों और 71 भारतीय नागरिक कैदियों को पाक की कैद से आजाद कराया गया है। इसमें 2023 से अब तक पाकिस्तान से वापस लााए 500 भारतीय मछुआरे और 13 नागरिक कैदी भी शामिल हैं।