नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस न्यायाधीश हिमा कोहली ने शनिवार को कहा कि “एक मजबूत बार (Bar) एक मजबूत न्यायपालिका बनाती है” क्योंकि वह कानूनी पेशेवरों के योगदान को स्वीकार करती हैं। जस्टिस कोहली बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा मनाए गए भारत के वकील दिवस के अवसर पर बोल रही थीं। बार एसोसिएशन ने न्यू महाराष्ट्र सदन, केजी मार्ग पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान बार और कानूनी शिक्षा के प्रतिष्ठित सदस्यों को सम्मानित किया गया।
SC judge Justice Kohli remarks "strong bar makes a strong judiciary"
---विज्ञापन---Read @ANI Story | https://t.co/3EyxpBn9Jy
#SC #JusticeKohli #Bar #Bench #Judiciary pic.twitter.com/x8GJtInCEz— ANI Digital (@ani_digital) December 3, 2022
---विज्ञापन---
न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने कहा कि कानूनी पेशा कई कारणों से सम्मान अर्जित करता है जिसमें कमजोर वर्गों के लिए संरक्षक और स्वतंत्रता और स्वतंत्रता को बनाए रखना शामिल है। न्यायमूर्ति कोहली ने कहा- ब्रिटिश राज के दौरान कानूनी पेशा इस देश में सबसे आगे रहा है। उन्होंने लोकतंत्र को जीवंत तरीके से पोषित करने और कानून के शासन को सुनिश्चित करने में उनके योगदान के लिए कानूनी पेशेवरों को भी स्वीकार किया।
आगे न्यायमृर्ति ने कहा कि संसद में वकीलों की संख्या पहली लोकसभा में 36 प्रतिशत से कम हो गई है और अब लोकसभा में केवल 4 प्रतिशत वकील हैं। उन्होंने कहा कि एक वकील की भूमिका बहुआयामी होती है। कानूनी पेशे को शाही पेशे के रूप में वर्णित किया जाता है, जो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वकील भाग्यशाली हैं कि वे अन्य क्षेत्रों में गहराई तक उतरते हैं।