Odisha Army Officer Assault Case: ओडिशा के डीजीपी ने सैन्य अधिकारी और उसकी मंगेतर से मारपीट मामले में भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस बीच सैन्य अधिकारी की मंगेतर ने गुरुवार शाम को दिए बयान में कहा कि पुलिस अधिकारियों ने 15 सितंबर की रात भरतपुर पुलिस स्टेशन में मेरे साथ यौन उत्पीड़न किया था। ओडिशा पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि निलंबित अधिकारियों में आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्रा, एसआई बैसलिनी पांडा, एएसआई सलिमामयी साहू और सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा शामिल हैं।
आर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने बताया कि 15 सितंबर को रात करीब 1 बजे अपना रेस्टोरेंट बंद करके जब अपने घर वापस जा रहे थे, तो एक कार ने हमें रोका और हमारे साथ मारपीट करने की कोशिश की। हम किसी तरह बचकर भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां सिर्फ एक महिला कांस्टेबल बैठी थी। जब मैंने एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा, तो उन्होंने मेरी मदद नहीं की। इसके बजाय, उन्होंने मुझे गाली देना शुरू कर दिया। भारतीय सेना के अधिकारी की मंगेतर ने आरोप लगाया कि ओडिशा के भुवनेश्वर में ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने उनका यौन उत्पीड़न किया।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि 15 सितंबर की रात मेजर और उनकी मंगेतर कार में जा रहे थे। तभी कुछ बदमाशों ने रास्ता रोका और उन्हें परेशान किया। जब वह शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचे तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी और मारपीट की। इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने मेजर को लाॅकअप में बंद कर दिया और जब इसका उनकी मंगेतर ने विरोध किया तो उसके साथ क्रूरता से मारपीट की। भरतपुर पुलिस स्टेशन के आईआईसी ने मेजर की मंगेतर को बलात्कार करने की धमकी दी।
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क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच
भारतीय सेना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की जानकारी ली और उच्च अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद मेजर को रिहा किया गया। वहीं उनकी मंगेतर का मेडिकल कराया गया, जिसमें मारपीट की पुष्टि हुई है। मामले में डीएसपी नरेंद्र कुमार बोहरा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की 5 सदस्यीय टीम घटना की जांच के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंची। टीम ने 4 घंटे तक कर्मचारियों से पूछताछ की। हालांकि थाने में कोई सीसीटीवी नहीं था ऐसे में वहां कोई भी सबूत नहीं जुटाए जा सके। वहीं इस दौरान मुख्य आरोपी आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्रा भी अनुपस्थित था।
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