NTA Chairman Dr. Pradeep Joshi: (अजय दुबे) नीट पेपर लीक और रिजल्ट में गड़बड़ी से छिड़े विवाद के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) काफी चर्चा में है, जहां एक तरफ NTA सवालों के घेरे में है। वहीं अब NTA के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप जोशी पर भी उंगलियां उठने लगी हैं। NEET-UG परीक्षा रिजल्ट विवाद पर गठित जांच कमेटी की कमान भी प्रदीप जोशी के हाथों में है। इस बीच अब RTI के जरिए कुछ गोपनीय दस्तावेज सामने आए हैं, जिनके अनुसार डॉ. प्रदीप जोशी का RSS और भाजपा से पुराना रिश्ता है। उनपर नेताओं की मदद से बड़े-बड़े पद पाने के आरोप लगे हैं।
संघ की सिफारिश से मिले बड़े पद
बता दें कि डॉ. प्रदीप जोशी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। वे संघ लोक सेवा आयोग के भी अध्यक्ष रहे हैं। 2023 में उन्हें NTA का दारोमदार सौंपा गया, मगर नीट पेपर लीक मामला और नेट की परीक्षा रद्द होने के बाद डॉ. प्रदीप जोशी से जुड़ा गोपनीय RTI दस्तावेज सामने आया है। RTI के अनुसार सभी बड़े पदों पर प्रदीप जोशी की नियुक्ति संघ की सिफारिश पर हुई थी। RSS प्रचारक रहे विनोद जी ने डॉ. प्रदीप जोशी को बड़े पदों पर बैठाने की अर्जी लगाई थी।
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भाजपा के बड़े नेताओं से कनेक्शन
2006 की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदीप जोशी का मुरली मनोहर जोशी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे भाजपा के दिग्गज नेताओं से जुड़ाव था। यही वजह है कि साल 2006 में उन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष चुना गया। डॉ. प्रदीप जोशी 2014 तक छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के भी अध्यक्ष रहे। 2014 से 2020 तक वे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष बने और 2023 में उन्हें NTA की जिम्मेदारी दे दी गई।
पहले भी हुए हैं घोटाले
RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे के अनुसार, मध्य प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में पिछले 15 साल से घोटाले हो रहे थे। 2014 में हमने प्रोफेसर स्कैम और व्यापम घोटाले को उजागर किया था। जब प्रदीप जोशी MPPSC के अध्यक्ष थे, उस दौरान भी PCS की परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, मगर उनकी भाजपा नेताओं से काफी बनती थी। इसके अलावा प्रदीप दोशी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में HOD के पद पर थे, तब भी परीक्षा में गड़बड़ी देखने को मिली थी।