North East Tourism Boost 12th ITM: ट्रिप प्लान करने के लिए पहाड़ ज्यादातर लोगों की पहली पसंद होते हैं। हिल स्टेशन का नाम आते ही लोग अक्सर शिमला-मनाली जैसी जगहों का रुख करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि उत्तर पूर्वी राज्य भी पर्यटन के मामले में किसी से पीछे नहीं है। ताजा आंकड़ों की मानें तो पिछली साल यानी 2023 में 125 लाख लोगों ने उत्तर पूर्वी राज्यों को एक्सप्लोर किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 2014 में यह आंकड़ा महज 70 लाख हुआ करता था।
12वें ITM का उद्घाटन
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह आंकड़े साझा किए हैं। असम के काजीरंगा में 12वें इंटरनेशनल टूरिज्म मार्ट (ITM) का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में तेजी से हुए विकास के कारण यह संभव हो पाया है। अब आलम यह है कि उत्तर पूर्व के ज्यादातर राज्य ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, पर्यटन सुविधाओं और नई टूरिस्ट साइट्स के मामले में उत्तर भारत के राज्यों को टक्कर दे रहे हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है।
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पूर्वोत्तर का पर्यटन दोगुना
ITM में भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पूर्वोत्तर की विरासत, सांस्कृति विविधता और प्राकृतिक संपदा का अमूल्य खजाना है। कोविड के बाद घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिला। साथ ही पूर्वोत्तर में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है।
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250 लोग गरीबी से बाहर आए
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि समाज के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार ने कई पहल की। इससे 250 मिलियन लोगों की जिंदगी बदल गई। अब वो गरीबी रेखा की बजाए मध्यम वर्ग में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मध्यम वर्ग के लोगों से ही पर्यटन को बूस्ट मिला है।
स्वदेश दर्शन योजना
पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत टूरिज्म क्षेत्र को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। स्वदेश दर्शन 1.0 के अंतर्गत 1,309 करोड़ रुपए की लागत में 8 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। वहीं स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत 16 डेस्टिनेशन्स पर विकास की परिकल्पना को साकार किया गया है।
प्रसाद स्कीम
प्रसाद स्कीम के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में 8 परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई गई, जिसका बजट 256 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। असम के मशहूर कामाख्या मंदिर में भी कई विकास कार्य चल रहे हैं। कामाख्या देवी मंदिर को असम की टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में गिना जाता है।
काजीरंगा नेशनल पार्क की 50वीं सालगिरह
गजेंद्र शेखावत ने कहा कि काजीरंगा में आयोजित 12वां ITM काफी अहम है। इस साल काजीरंगा नेशनल पार्क को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिले 50 साल पूरे हो चुके हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क का एरिया पिछले 10 साल में 400 स्क्वायर किलोमीटर से बढ़कर 1,300 स्क्वायर किलोमीटर हो गया है। ITM के जरिए लोग पूर्वोत्तर राज्यों की खूबसूरती से वाकिफ होंगे और देश-दुनिया से लोग इसे एक्सप्लोर करने यहां आएंगे।
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