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नीतीश ने मांगे 4 मंत्रालय! मोदी के ‘हनुमान’ की भी यही शर्त; कैसे बनेगी केंद्र में सरकार?

Lok Sabha Election Aftermath: लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अब सरकार बनाने के लिए जो़ड़तोड़ किया जा रहा है। चुनाव से पहले विपक्ष का साथ छोड़ भाजपा की नाव में सवार होने वाले नीतीश कुमार किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह भाजपा के साथ ही रहेंगे लेकिन बताया जा रहा है कि समर्थन के बदले उन्होंने भगवा दल से 4 मंत्रालय मांग लिए हैं। नीतीश के अलावा भाजपा के बाकी सहयोगियों ने भी ऐसा ही रुख दिखाया है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jun 5, 2024 18:05
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Nitish Kumar And Narendra Modi
Nitish Kumar, Narendra Modi

Modi Government 3.0 :  लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आ चुके हैं। इन परिणामों ने न केवल भाजपा बल्कि सभी को चौंकाया है। 370 सीटें जीतने का लक्ष्य रखने वाली भाजपा केवल 240 सीटें ही अपने नाम कर पाई। हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। लेकिन, उसके सहयोगी अब सरकार के गठन से पहले भाजपा को टेंशन देने का काम कर रहे हैं। बता दें कि भाजपा खुद बहुमत नहीं पा सकी है। ऐसे में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए उसे अपने सहयोगी दलों की सहायता तो लेनी ही पड़ेगी।

चुनाव परिणाम की तस्वीर साफ होते ही सबकी नजरें नीतीश कुमार पर थीं। चर्चा चली कि वह एक बार फिर विपक्ष के खेमे में पहुंच सकते हैं। हालांकि, बाद में उनकी पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह कहीं नहीं जाएंगे। लेकिन अब खबर मिली है कि सरकार बनाने में सहयोग करने के बदले नीतीश ने भाजपा के सामने अपनी मांग रख दी है। चर्चा है कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भाजपा से 4 मंत्रालय मांगे हैं। नीतीश के अलावा खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान ने 2, जीतनराम मांझी ने 1 और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने भी 4 मंत्रालयों की मांग रख दी है।

एनडीए के नेताओं की चल रही बैठक

बता दें कि नई सरकार के गठन को लेकर एनडीए की बैठक अभी चल रही है। इसमें नीतीश कुमार के अलावा, टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) के चीफ चंद्रबाबू निायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोजपा (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान समेत एनडीए में शामिल अन्य राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता भी इसमें शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा अपने सहयोगियों की मांगें सुनेगी और अपने ऑफर भी उनके सामने रखेगी। इस बार टीडीपी ने 16, जदयू ने 12 शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना नेसात और लोजपा ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है।

सहयोगी दलों को पता है अपना महत्व

चूंकि भाजपा खुद बहुमत का आंकड़ा नहीं पा सकी है, ऐसे में सरकार बनाने में सहयोगी दलों की भूमिका अहम हो गई है। इस बात को ये दल भी अच्छे से समझ रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपने सपोर्ट के बदले अपनी मांगों को रखना शुरू कर दिया है। देखना यह है कि भाजपा सरकार बनाने के लिए क्या इन नेताओं की मांग को जस की तस स्वीकार कर लेगी या कोई और फॉर्मूला निकालेगी। इस पर भी लोगों की नजर बनी रहेगी कि नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में सहयोगी पार्टियों के बीच मंत्रालय किस तरह बांटेंगे। भाजपा को इस बार 240 सीटों पर जीत हासिल हुई है।

First published on: Jun 05, 2024 05:53 PM

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