पहलगाम आतंकी हमले की जांच राष्ट्र्रीय जांच एजेंसी एनआईए कर रही है। इस बीच जांच एजेंसी एक ऐसे दुकानदार से पूछताछ कर रही है जो जिसने हमले से लगभग 15 दिन पहले अपनी दुकान खोली थी, इसके अलावा हमले वाले दिन उसने अपनी दुकान बंद रखी थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल उस दुकानदार जांच एजेंसियां पूछताछ में जुटी है। बता दें कि 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद से एनआईए लगभग 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
दुकानदार से पूछताछ कर रही एजेंसी
जांच अधिकारियों को लोगों से पूछताछ के दौरान इनपुट मिला। जिसके आधार पर एजेंसी ने स्थानीय दुकानदार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एजेंसी की पूछताछ का आधार यह है कि घटना वाले दिन उसने दुकान क्यों नहीं खोली? फिलहाल केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। इसके साथ ही उसकी कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है।
जिपलाइन ऑपरेटर ने पूछताछ में क्या बताया?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार एनआईए ने जांच के लिए उन सभी लोगों की सूची तैयार की है जो घटना वाले दिन पहलगाम में मौजूद थे। एनआईए अभी तक टट्टू संचालक, दुकानदार, फोटोग्राफर से सवाल-जवाब कर चुकी है। उनमें से कुछ लोगों ने बताया कि भाषा और धर्म पूछने के बाद आतंकियों ने उनको छोड़ दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले एक जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ की जिसका वीडियो कुछ दिन पहले वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में जिप ऑपरेटर अल्लाहू हू अकबर के नारे लगा रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह नारा लगा रहा था क्योंकि वह डर गया था और तुरंत मौके से चला गया। इसके बाद उसने शाम को अपने दोस्त को फोन किया।
पुराने मामलों की जांच में जुटी एनआईए
सूत्रों की मानें तो केंद्रीय एजेंसियां और एनआईए सभी पुराने मामलों की जांच में जुटी है, जिसमें आतंकियों द्वारा सेना के वाहन पर किया गया हमला और वायुसेना जवान की हत्या का मामला भी शामिल है। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 17 लोग घायल हो गए थे।
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