---विज्ञापन---

एनआईए ने केरल से पीएफआई के पूर्व राज्य सचिव को किया गिरफ्तार, PFI पर बैन के बाद से था फरार

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व राज्य सचिव सीए रऊफ को केरल के पलक्कड़ जिले में उनके घर से गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि कई महीनों से फरार चल रहे रऊफ […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Mar 11, 2024 16:33
Share :

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व राज्य सचिव सीए रऊफ को केरल के पलक्कड़ जिले में उनके घर से गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि कई महीनों से फरार चल रहे रऊफ को कल रात पलक्कड़ जिले के पट्टांबी इलाके में उनके आवास पर एजेंसी द्वारा की गई छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया।

---विज्ञापन---

रऊफ केरल पुलिस के साथ-साथ NIA के रडार पर था और केंद्र सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के बाद एजेंसी के अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार करने के अपने प्रयास तेज कर दिए थे।

अभी पढ़ें कोयंबटूर: NIA ने 23 अक्टूबर को आईएस से जुड़े विस्फोट मामले में प्राथमिकी दर्ज की

---विज्ञापन---

 

पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई के बाद छिपा हुआ था रऊफ

अधिकारियों ने कहा कि NIA द्वारा PFI के खिलाफ बड़े पैमाने पर देशव्यापी अभियान शुरू करने और इसके विभिन्न कैडरों को गिरफ्तार करने के बाद रऊफ छिपा हुआ था।

यह कदम केंद्र द्वारा पीएफआई को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित करने और अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित करने के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) की शक्तियों का प्रयोग करने का निर्देश देने के लगभग एक महीने बाद आया है।

100 से ज्यादा कैडरों को किया गया था गिरफ्तार

सितंबर में एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय और राज्य एजेंसियों के साथ-साथ पुलिस बलों द्वारा देश भर में किए गए कई छापे में 100 से अधिक पीएफआई कैडरों को गिरफ्तार किया गया था। ये कार्रवाई कई वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के उदाहरणों के बारे में निष्कर्षों के आधार पर की गई थी।

पीएफआई और उसके सहयोगियों पर देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय के कट्टरवाद को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम करने का भी आरोप लगाया गया है, जो इस तथ्य से प्रमाणित होता है कि कुछ पीएफआई कैडर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए हैं।

अभी पढ़ें विदेश मंत्री जयशंकर ने किया ग्लोबल टेरर पर प्रहार, UNSC की बैठक में बोले- 26/11 को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा

पीएफआई पर लगे हैं ये आरोप

पीएफआई पर आगे कई आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल होने के साथ-साथ देश के संवैधानिक अधिकार के प्रति अनादर का आरोप लगाया गया है।

बाहर से धन और वैचारिक समर्थन के साथ, पीएफआई और उसके सहयोगियों पर देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बनने का आरोप लगाया जाता है। बता दें कि 9 दिसंबर, 2006 को पीएफआई अस्तित्व में आया था। तीन दक्षिण भारतीय मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन- राष्ट्रीय विकास मोर्चा (एनडीएफ), कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (केएफडी), और मनिथा नीथी पासराय (एमएनपी) ने ‘साउथ इंडिया काउंसिल’ (2004 में एनडीएफ द्वारा गठित एक बैंगलोर स्थित संगठन) को ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ का नाम दिया था।

अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

(saltchamberinc.com)

HISTORY

Written By

Om Pratap

Edited By

rahul solanki

First published on: Oct 28, 2022 11:36 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें