खांसी की दवा से हो रही बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर और दवा कंपनियां आमने-सामने आ गई हैं. मध्य प्रदेश में मामले को लेकर जांच चल रही है और एक्शन लिए जा रहे हैं. इसी बीच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी तीन राज्यों को नोटिस जारी कर दिया है और रिपोर्ट मांगी है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कफ सिरप से हुई मौतों को लेकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सरकारों और औषधि महानियंत्रक को नोटिस जारी किया है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई है, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच शुरू की है. केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों ने सार्वजनिक अलर्ट जारी कर इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इतना ही नहीं , NHRC ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नकली दवाओं की आपूर्ति की जांच का आदेश देने और राज्यों में सभी क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को नकली दवाओं के नमूने एकत्र करने और परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का भी निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें: सीएम मोहन यादव की सख्त कार्रवाई, ड्रग कंट्रोलर को हटाया; डिप्टी ड्रग कंट्रोलर और ड्रग इंस्पेक्टर सस्पेंड
आयोग ने यह भी कहा है कि मध्य प्रदेश (छिंदवाड़ा और विदिशा जिले) और राजस्थान के कुछ जिलों में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से 12 बच्चों की मौत के मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग वाली शिकायत मिली है. इसके बाद आयोग की तरफ से नोटिस जारी किया गया है.
बता दें कि मध्य प्रदेश में खांसी की दवा के सेवन से 16 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है. इंडिया टूडे से बात करते हुए डॉ. प्रवीण सोनी का कहना है कि वह लंबे समय से इस कंपनी की दवाओं को लिखता रहा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा, “मैंने हाल ही में 100 से अधिक बच्चों का इलाज किया है, और किसी भी मेडिकल दुकान ने बंद करने का कोई नोटिस जारी नहीं किया है”










