सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-पोस्ट ग्रेजुएट (NEET-PG) काउंसलिंग प्रक्रिया में सुधार के लिए दिशा निर्देश जारी किया। इस गाइडलाइन का उद्देश्य सीट ब्लॉकिंग को रोकना और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में निष्पक्ष प्रवेश सुनिश्चित करना है।
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मुख्य दिशा-निर्देश
- अखिल भारतीय कोटा (AIQ) और राज्य काउंसलिंग राउंड को व्यवस्थित करना ताकि सीट ब्लॉकिंग को रोका जा सके।
- निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों को काउंसलिंग शुरू होने से पहले सभी शुल्क (जिसमें ट्यूशन, हॉस्टल और अन्य शुल्क शामिल हैं) का खुलासा करना होगा। फीस को रेगुलेट करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के तहत एक सिस्टम बनाने का निर्देश।
- दूसरे दौर के बाद नए आवेदकों के लिए काउंसलिंग को दोबारा किए जाने के बजाए उम्मीदवारों को बेहतर सीटों पर अपग्रेड करने की व्यवस्था करना होगा।
- NEET-PG परीक्षा के लिए Answer Keys और Normalization फॉर्मूला बनाने का निर्देश।
- सीट को ब्लॉक करने की कोशिश करने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश और सीट ब्लॉक करने वाले उम्मीदवारों के सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त करना होगा।
- NEET-PG परीक्षाओं में बार-बार अपराध करने वालों को अयोग्य घोषित किए जाने का निर्देश।
- सीट ब्लॉकिंग में शामिल कॉलेजों को ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश।
- एक साथ कई सीटों को होल्डिंग को रोकने के लिए आधार-आधारित ट्रैकिंग लागू करने का निर्देश।
- नियमों के उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और संस्थानों के निदेशकों को जवाबदेह ठहराने का निर्देश।
- सभी राज्यों में एक मानक कोड अपनाने का निर्देश, एलिजिबिलिटी, मॉप-अप राउंड, सीट विड्रॉ करने और शिकायतों से निपटने की समयसीमा शामिल हो।
- नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) काउंसलिंग डेटा, सालाना ऑडिट काउंसलिंग डाटा और एडमिशन के लिए एक थर्ड पार्टी मेकेनिज्म सेट अप करे।
- सुप्रीम कोर्ट के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य NEET-PG प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और योग्यता लाना है।
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