NEET Paper Leak Result Controversy: NEET-UG पेपर लीक और रिजल्ट में गड़बड़ी मामले में आए दिन चौंकाने वाल खुलासे हो रहे हैं। बिहार में मामले की जांच कर रही पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने अब एक बड़ा दावा किया है। EOU का कहना है कि 3 रिमाइंडर देने के बाद भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) क्वेश्चन पेपर भेज नहीं रही है, जिस वजह से जांच अटकी हुई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पेपर लीक करने वाले गिरोह की केस में अहम भूमिका है। स्टूडेंट्स भी पेपर मांग रहे थे, इसलिए गिरोह के सदस्यों ने उनसे पेपर के बदले 30-30 लाख रुपये मांगे। 9 स्टूडेंट्स का पता चला है, जिन्हें पूछताछ के लिए EOU ने तलब किया है। 6 पोस्ट डेटेड चेक भी जांच के दौरान हैं। मामले में अब तक 13 गिरफ्तार हो चुके हैं और सभी आरोपी बिहार के ही हैं, जिन्हें क्वेश्चन पेपर एग्जाम से पहले मिल गया था।
Union Education Minister @dpradhanbjp assured that no one will be spared if found guilty, Government is committed to secure the future of students of the nation.@EduMinOfIndia #NEET #StrictAction pic.twitter.com/aLjokxr8bC
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धर्मेंद्र प्रधान बोले- एजेंसी और एग्जाम प्रक्रिया में सुधार की जरूरत
बता दें कि बीते दिन देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने माना कि इस साल NEET एग्जाम कराने में गड़बड़ी हुई है। 2 लेवल पर झोल हुआ और जो इस झोल में शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर इसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के अधिकारियों की भूमिका हुई तो उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। एजेंसी में कुछ सुधार करने की जरूरत भी महसूस हो रही है, इस पर मीटिंग करके विचार किया जाएगा। जल्द ही बड़े फैसले लिए जाएंगे। स्टूडेंट्स की सभी परेशानियों का समाधान किया जाएगा।
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बिहार-गुजरात में पेपर लीक के सुराग मिले
बता दें कि गत 5 मई 2024 को NEET एग्जाम हुआ था। 23.30 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। 4 जून 2024 को रिजल्ट आया, लेकिन 67 स्टूडेंट्स के 720 में से 720 मार्क्स देखकर स्टूडेंट्स भड़क गए। स्टूडेंट्स ने पेपर लीक होने और रिजल्ट में गड़बड़ी होने के आरोप लगाए। मामल सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो NTA की भूमिका पर सवाल उठे। बिहार और गुजरात में पेपर लीक करने वाले गिरोह का पता चला और गिरोह के सदस्य गिरफ्तार किए गए। सुप्रीम कोर्ट में पेपर रद्द करने की याचिका दर्ज की गई। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने NTA और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 8 जुलाई को होगी और उस दिन करीब 23 लाख स्टूडेंट्स का भविष्य तय होगा।
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