New Parliament Building: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने नए संसद भवन के 28 मई के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के विपक्षी दलों के फैसले की निंदा की। NDA की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजनीतिक गठबंधन ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में विपक्षी दलों के फैसलों ने संसदीय प्रक्रियाओं के लिए बार-बार कम सम्मान दिखाया है।
एनडीए ने कहा- ये बौद्धिक दिवालियापन दर्शाता है
एनडीए ने कहा कि इस संस्थान के प्रति इस तरह का खुला अनादर न केवल बौद्धिक दिवालिएपन को दर्शाता है, बल्कि लोकतंत्र के सार के लिए एक परेशान करने वाली अवमानना है। अफसोस की बात है कि यह इस तरह के तिरस्कार का पहला उदाहरण नहीं है।
एनडीए की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया कि पिछले 9 वर्षों में इन विपक्षी दलों ने बार-बार संसदीय प्रक्रियाओं के लिए बहुत कम सम्मान दिखाया है, संसद सत्रों को बाधित किया है और अपने संसदीय कर्तव्यों के प्रति एक खतरनाक अभावग्रस्त रवैया प्रदर्शित किया है।
एनडीए बोला- विपक्ष के पाखंड की कोई सीमा नहीं है
एनडीए ने कहा कि विपक्ष के पाखंड की कोई सीमा नहीं है। विपक्ष ने भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में विशेष जीएसटी सत्र का बहिष्कार किया; जब उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, तो उन्होंने समारोह को छोड़ दिया।
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नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहीं ये पार्टियां
उद्घाटन का बहिष्कार करने वाली 19 पार्टियों में कांग्रेस, डीएमके, आप, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी), समाजवादी पार्टी (एसपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), जद (यू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीएम), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) और मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निमंत्रण पर 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। चार मंजिला इमारत में 1,200 से अधिक सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले ये एक मुद्दा बन गया कि उद्घाटन किसे करना चाहिए। विपक्षी दलों ने तर्क दिया कि पीएम मोदी को उद्घाटन नहीं करना चाहिए।
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