ईडी ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का नाम शामिल हैं। इसके विरोध में आज पार्टी के देशभर में स्थित कार्यालयों पर कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर निशाना साधा।
नेहरू खानदान की जागीर नहीं
बीजेपी सांसद ने कहा कि नेशनल हेराल्ड नेहरू खानदान की जागीर कभी नहीं रही। इसमें बड़े-बड़े लोगों ने सहयोग किया है। 2008 में इसका प्रकाशन बंद हो गया। इसके बाद 2009 में लोन दिया गया। फिर कहा गया कि लोन चुका नहीं सकते। फिर यंग इंडिया कंपनी जिसके 76 प्रतिशत शेयर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास थे। यंग इंडिया ने 50 लाख रुपये में एजेएल का अधिग्रहण कर लिया। इससे एजेएल की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल गई।
#WATCH | Delhi | On ED’s prosecution complaint against Rahul Gandhi, Sonia Gandhi and others in alleged National Herald money laundering case, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, “One thing should be kept in mind that Rahul Gandhi and Sonia Gandhi are out on bail. They knocked on… pic.twitter.com/FNZCAPdS4w
— ANI (@ANI) April 16, 2025
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गांधी मॉडल ऑफ करप्शन
इसी तरह से तीन करोड़ की जमीन हरियाणा में भी खरीदी जाती है फिर 58 करोड़ में बेच दी जाती है। यह गांधी मॉडल ऑफ करप्शन है। 25 तारीख को इस मामले की सुनवाई होगी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस मामले में जमानत पर है। उन्होंने मामले को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए या नहीं? नरेंद्र मोदी की सरकार कानून को अपना काम करने देगी।
अच्छे लोग नहीं
सरदार पटेल ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड को पैसा देने वाले लोग अच्छे लोग नहीं हैं। फिर भी एक अखबार जिसे कांग्रेस पार्टी का पूरा संरक्षण, प्रचार और संरक्षण प्राप्त था, वह क्यों नहीं पनप सका? क्योंकि यह अखबार केवल विज्ञापन जुटाने और सरकारी सहयोग से संपत्ति बनाने का साधन था। जिस अखबार से आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों की आवाज को मजबूत करने की उम्मीद थी, उन्होंने उस अखबार को निजी व्यवसाय, एटीएम बना दिया!
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