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चंद्रयान-3 की कम लागत को देख अमेरिका भी हैरान, इसरो से तकनीक खरीदना चाहता है नासा

NASA Wants to Buy Technology From ISRO: चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण के दौरान नासा के वैज्ञानिकों का एक प्रतिनिधिमंडल इसरो मुख्यालय के दौरे पर था। वे भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई तकनीकों को देखकर आश्चर्यचकित हुए।

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Oct 16, 2023 07:19
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NASA
नासा।

NASA Wants to Buy Technology From ISRO: चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण के दौरान नासा के वैज्ञानिकों का एक प्रतिनिधिमंडल इसरो मुख्यालय के दौरे पर था। वे भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई तकनीकों को देखकर आश्चर्यचकित हुए। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने तक की लागत को देखकर नासा चाहता है कि भारत उस तकनीक को हमें बेच दे।

न्यूज साइट टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने रविवार को ये बातें दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति की 92वीं जयंती मनाने के लिए रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला से लगभग 5-6 लोग (इसरो मुख्यालय में) आए और हमने उन्हें चंद्रयान-3 की तकनीक के बारे में समझाया।

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ISRO to hold more test under Gaganyaan after maiden test: S Somanath -  Hindustan Times

नासा ने पूछा, आपने इसे कैसे बनाया?

सोमनाथ ने कहा कि यह सॉफ्ट लैंडिंग (23 अगस्त को) होने से पहले की बात है। तकनीक को समझने के बाद उन्होंने बस इतना कहा कि हमारे पास कोई टिप्पणी नहीं है। सब कुछ अच्छा होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिक उपकरणों को देखो, वे कितने सुंदर और सस्ते हैं। इन्हें बनाना बहुत आसान है और ये हाई टेक्नोलॉजी वाले हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि आपने इसे कैसे बनाया? आप इसे अमेरिका को क्यों नहीं बेच देते?

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छात्रों से बात करते हुए सोमनाथ ने कहा कि समय बदल गया है। हम बेहतरीन उपकरण और बेहतरीन रॉकेट बनाने में सक्षम हैं। यही कारण है कि हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया है। हमारे ज्ञान और बुद्धिमत्ता का स्तर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक है। भारत एक दिन बहुत शक्तिशाली राष्ट्र होगा। इसके बाद हम प्रौद्योगिकी में शक्तिशाली होंगे।

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पीएम नो फोन पर कहा, चंद्रमा की अगली यात्रा कब होगी?

उस दिन के समय को दोहराते हुए जब भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था, सोमनाथ ने कहा कि पीएम मोदी ने मुझे फोन किया और धन्यवाद दिया। मैंने उन्हें बताया कि ‘भारत चंद्रमा पर है, सर’। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि आप अगली बार चंद्रमा पर एक भारतीय को कब भेज रहे हैं?

चंद्रयान -10 के लॉन्च पर आप में से एक (दर्शकों में छात्रों का जिक्र करते हुए) एक रॉकेट डिजाइन करेगा जो चंद्रमा पर जाएगा और आप में से एक उस रॉकेट के अंदर बैठा होगा। संभवतः वह एक लड़की होगी। एक लड़की अंतरिक्ष यात्री भारत से जाएगी और चंद्रमा पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि आपको 2047 तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। यह उससे काफी पहले होगा।

इसरो के साथ करना मेरा सौभाग्य

एक अंतरिक्ष सम्मेलन में अपनी हालिया भागीदारी का जिक्र करते हुए सोमनाथ ने कहा कि नासा, यूरोप और चीन की अंतरिक्ष एजेंसियों से हर कोई उन्हें चंद्रयान -3 मिशन की सफलता के लिए बधाई दे रहा था। वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि उन्हें एहसास है कि भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र बनने जा रहा है। इसरो में कलाम के कार्यकाल को याद करते हुए सोमनाथ ने कहा कि मैं 1985 में इसरो में शामिल हुआ और मुझे काम करने का सौभाग्य मिला, लेकिन थोड़े समय के लिए क्योंकि वह डीआरडीओ के लिए काम करने के लिए इसरो छोड़ रहे थे।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Oct 16, 2023 07:19 AM

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