दिल्ली एम्स में निमोनिया के सात मामले सामने आने के बाद इन्हें चीन में फैले एम निमोनिया (Mycoplasma Pneumoniae) से जोड़ा जा रहा था। अब केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर इन अटकलों को खारिज किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर गुरुवार को कहा कि एम्स दिल्ली में अप्रैल से सितंबर के बीच सात बैक्टीरियल मामलों का पता चला था। लेकिन, इनका संबंध चीन समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में सामने आए बच्चों में श्वसन संक्रमण के मामलों में हालिया तेजी से कोई लेना-देना नहीं है।
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन सात मामलों का पता एम्स दिल्ली में चल रहे एक अध्ययन के तहत चला था और इसमें चिंता वाली कोई बात नहीं है।
Media reports claiming detection of bacterial cases in AIIMS Delhi linked to the recent surge in Pneumonia cases in China are misleading and inaccurate. Mycoplasma pneumonia is the commonest bacterial cause of community-acquired pneumonia. Pneumonia Cases in AIIMS Delhi have no… pic.twitter.com/rZkpgPEwv1
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 7, 2023
चीन से जोड़ने वाली रिपोर्ट गुमराह करने वाली
बयान में कहा गया है कि एक हालिया मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एम्स दिल्ली में चीन में बढ़ रहे निमोनिया से जुड़े सात मामले सामने आए हैं। ऐसी रिपोर्ट गलत हैं और गुमराह करने वाली जानकारी फैला रही हैं।
ये भी पढ़े: क्या है माइकोप्लाज्मा निमोनिया? क्या संभव है चीन में फैल रही अजीब बीमारी का इलाज?
इसमें यह भी कहा गया है कि भारत के किसी भी हिस्से में इस तरह का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे लेकर राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और दैनिक आधार पर स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।
एम्स ने भी कहा- चिंता करने की जरूरत नहीं
बता दें कि चीन में एम निमोनिया के मामलों में काफी तेजी आई है जिसका असर अधिकतर बच्चों में देखने को मिला है। इसने पूरी दुनिया में खतरे की घंटी बजाई है। भारत में इस तरह की खबरें आने के बाद एम्स ने भी कहा है कि घबराने की कोई बात नहीं है।
ये भी पढ़ें: सर्दियों में खतरनाक हो सकता है निमोनिया, बच्चों के लिए कितना हानिकारक और कैसे करें बचाव
एम्स दिल्ली की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एम निमोनिया कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया का सबसे आम बैक्टीरियल कारण है। एम्स के बयान में भी कहा गया है कि एम्स दिल्ली में मिले निमोनिया मामलों का चीन में बढ़ रहे संक्रमण से कोई वास्ता नहीं है।