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म्यांमार पहुंची भारतीय थल सेना की ये खास टुकड़ी, आसमान से ही जवान लगा देते हैं छलांग

म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भारी तबाही मची है। भारत ने राहत के लिए NDRF और सेना की टीमें भेजीं। ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत मेडिकल सहायता और बचाव अभियान जारी है। जानें भारतीय थल सेना की 'सत्रुजीत' कैडेट क्या है, जो म्यांमार मदद के लिए पहुची है।

Author Written By: Pawan Mishra Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Mar 29, 2025 23:05

म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही मची है। भारत पड़ोसी देश म्यांमार की मदद के लिए सबसे आगे खड़ा दिखाई दे रहा है। भारत की तरफ से कई विमान म्यांमार पहुंच रहे हैं। NDRF की टीम वहां पहुंच चुकी है, जबकि भारतीय थल सेना और वायुसेना अलर्ट मोड में हैं और लगातार सहायता में जुटी हुई हैं।

न्यूज 24 को जानकारी देते हुए मेजर जनरल वी. शारदा ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में लगातार म्यांमार के हालातों पर निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा 118 सत्रुजीत कैडेट्स को सहायता के लिए भेजा गया है।

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क्या है सत्रुजीत कैडेट्स की खासियत

आपको बता दें कि भारतीय थल सेना का ‘सत्रुजीत’ वह दल है जो किसी भी परिस्थिति, यानी किसी भी मौसम में, हजारों फीट की ऊंचाई से पैराशूट के माध्यम से सटीक उसी जगह पर उतर सकता है, जहां पर कोई फंसा हो या फिर मदद की पुकार कर रहा हो। सत्रुजीत कमांडो को विशेष ट्रेनिंग आगरा कैंट में 6 महीने के लिए दी जाती है।

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इसके अलावा, एयरबोर्न एंजेल्स टास्क फोर्स को आपदा प्रभावित इलाकों में विशेष मेडिकल और सर्जिकल देखभाल देने के लिए अलग तरीके की ट्रेनिंग दी जाती है। भारतीय सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना आपदा में घायल लोगों की तत्काल देखभाल के लिए 60-बेड वाला मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर बनाएगी। इस सहायता मिशन को भारतीय सेना ने ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ नाम दिया है।

म्यांमार में कोई भी भारतीय घायल नहीं – विदेश मंत्रालय

म्यांमार को भेजी गई राहत सामग्री के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि आज सुबह एक विमान ने उड़ान भरी, और फिर दो और विमान खोज एवं बचाव दल तथा अन्य आवश्यक आपूर्ति लेकर उड़ान भरेंगे। शाम को दो और विमान उड़ान भरेंगे, जब फील्ड अस्पताल को एयरलिफ्ट किया जाएगा। इस तरह कुल पांच विमान सहायता कार्य में शामिल होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भूकंप के दौरान किसी भी भारतीय के घायल होने की सूचना नहीं है।

First published on: Mar 29, 2025 10:58 PM

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