मुंबई 26/11 आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की 18 दिन की कस्टडी खत्म होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने एक बार फिर राणा को 12 दिन के लिए एनआईए की कस्टडी में भेजने के आदेश दिए हैं। सुनवाई के दौरान भारी सुरक्षा बल मौजूद रहा। बंद कमरे में मामले की सुनवाई हुई। NIA ने राणा की और कस्टडी की मांग की थी। बता दें कि राणा के खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 30 दिन तक की कस्टडी मिल सकती है। NIA ने मामले में अब तक की जांच और पूछताछ के बारे में सभी बातें कोर्ट को बताई हैं।
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NIA ने कोर्ट को बताया कि राणा के निशाने पर केवल मुंबई शहर ही नहीं था। राणा हेडली के साथ मिलकर दिल्ली, जयपुर, अजमेर में भी मुंबई जैसा हमला करना चाहता था। लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर राणा काम कर रहा था। इस दौरान 12 दिन की कस्टडी की मांग फिर एनआईए ने की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट को बताया गया कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने भी राणा से पूछताछ की है। हालांकि राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। राणा से 8 घंटे तक मुंबई क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की है। कोर्ट से आगे की तफ्तीश की जांच के लिए और कस्टडी की मांग की गई थी।
#WATCH | Delhi: 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana brought to Patiala House court after the end of his 18-day NIA remand pic.twitter.com/q70Bi4gqVN
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) April 28, 2025
कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित
एनआईए की कानूनी टीम का नेतृत्व वरिष्ठ अधिवक्ता दायम कृष्णन कर रहे हैं। पेशी से पहले ही वे पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए थे। मामले में विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई। एनआईए की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। एनआईए पहले भी कोर्ट को जानकारी दे चुकी है कि तहव्वुर हुसैन राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह सवालों के गोलमोल जवाब दे रहा है, 64 साल के राणा ने अभी तक की जांच में मुंबई पुलिस की भी कोई मदद नहीं की है। राणा कनाडाई नागरिक है, जो मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है। वह डेविड कोलमैन हेडली का साथी रहा है, जो अमेरिकी नागरिक है।
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