Cough Syrup Scandal: मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीली कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले के बाद देशभर में हड़कंप मच गया है. हालांकि, जिस डॉक्टर ने यह दवा बच्चों को दी थी और दवा कंपनी के मालिक को हिरास्त में ले लिया गया है. दवा पर भी बैन लगाया जा चुका है लेकिन अब केंद्र सरकार भी इस पर बड़ा एक्शन लेने वाली है. केंद्र सरकार दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों की गुणवत्ता जांच और निगरानी के लिए नया कानून लाया जा सकता है.
1940 से नहीं बदला गया दवा कानून
दरअसल, बीते कई दिनों से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में खांसी के सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हुई है. जांच में सामने आया है कि दवा में डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक जहरीला रसायन मिला हुआ था. इस घटना ने देश की दवा निर्माण व्यवस्था और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. सरकार ने घोषणा की है कि वह जल्द ही नया “Drugs, Medical Devices and Cosmetics Act” लाएगी, जो साल 1940 से लागू पुराने दवा कानून को बदला जाएगा.
क्या-क्या बदलाव होंगे?
1.दवा गुणवत्ता पर सख्त निगरानी, अब से सभी दवाओं खासकर खांसी के सिरप और इंजेक्शन की गुणवत्ता की जांच जरूर की जाएगी. हर बैच की टेस्टिंग होगी. यदि किसी भी दवा में थोड़ी मात्रा में जहरीला तत्व पाया जाएगा तो दवा का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
2.CDSCO के पास अब ज्यादा अधिकार होंगे. इससे कार्रवाई तुरंत हो सकेगी. नकली, मिलावटी या खराब दवाएं बेचने पर सीधी कार्रवाई होगी और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कानून के दायरे में सजा और जुर्माना देना होगा.
3.लाइसेंस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजीटल किया जाएगा. पहले लाइसेंस प्रकिया में देरी और फाइलों का झंझट होता था. इससे भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती थी. मगर अब से सभी कामों का ऑनलाइन किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बढ़े.
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