कर्नाटक के मैंगलुरु में एक दुखद घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। एक क्रिकेट मैच के दौरान ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के शक में भीड़ ने केरल के एक युवक को पीट-पीट कर मार डाला। मरने वाला युवक अशरफ, मानसिक रूप से अस्वस्थ था और कबाड़ बीनकर अपनी जिंदगी चलाता था। परिवार का कहना है कि वह किसी संगठन से नहीं जुड़ा था और भीड़ ने बिना सोचे-समझे उसे मार डाला।
क्रिकेट मैच में नारे के आरोप पर युवक की पीट-पीटकर हत्या
कर्नाटक के मैंगलुरु में एक क्रिकेट मैच के दौरान एक व्यक्ति पर आरोप लगा कि उसने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इसके बाद उसे पीट-पीट कर मार डाला गया। मृतक का नाम अशरफ है और वह केरल के मलप्पुरम जिले का रहने वाला था। उसकी उम्र 36 साल थी। अशरफ के परिवार ने बताया कि वह मानसिक रूप से ठीक नहीं था और कबाड़ इकट्ठा कर अपना जीवन बिता रहा था। इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक और गुस्से का माहौल बन गया है।
परिवार ने लगाई लापरवाही की शिकायत
अशरफ का परिवार तीन साल से वायनाड के पुलपल्ली में किराए पर रह रहा था, क्योंकि उनके मलप्पुरम वाले घर को बैंक ने कर्ज न चुका पाने पर जब्त कर लिया था। अशरफ के छोटे भाई अब्दुल जब्बार ने बताया, “वह किसी संगठन से नहीं जुड़ा था। हमें बताया गया कि भीड़ ने उन पर हमला किया और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया। उनकी मौत के दो घंटे बाद तक शव वहीं पड़ा रहा। किसी ने उन्हें अस्पताल तक नहीं पहुंचाया। हमें बताया गया कि अंदरूनी चोटों की वजह से उनकी मौत हुई।”
Ashraf, the Malyalai Muslim youth who was killed by Hindutva mob in Mangaluru was a mentally unstable man.
---विज्ञापन---The Hindutva mob’s claim that he shouted “Pakistan Zindabad” slogans is merely a false allegation by Hindutva groups to gain support from Hindu nationalists.
He was… pic.twitter.com/B0GVksmyKK
— Aslah Kayyalakkath (@aslahtweets) April 30, 2025
ईद के बाद काम की तलाश में निकला था अशरफ
परिवार के एक करीबी दोस्त और पंचायत सदस्य नजार परप्पुर ने बताया कि अशरफ कबाड़ बीनने का काम करता था और अकसर उत्तर केरल के अलग-अलग इलाकों में जाता रहता था। ईद के मौके पर वह अपने परिवार के साथ वायनाड में था और उसके बाद कासरगोड होते हुए काम की तलाश में मैंगलुरु पहुंचा था। परिवार को इस घटना के बारे में मंगलवार शाम को पता चला और शव बुधवार सुबह उन्हें सौंपा गया।
भीड़ हिंसा और पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
इस दर्दनाक घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या मानसिक रूप से अस्वस्थ किसी व्यक्ति को ऐसे आरोपों में पीटना उचित है? क्या मौके पर मौजूद लोग उसकी मदद कर सकते थे? स्थानीय पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने घटना के बाद कार्रवाई में देर क्यों की। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। अशरफ की मौत ने एक बार फिर भीड़ हिंसा और अफवाहों से होने वाले खतरों की गंभीरता को सामने ला दिया है।