Maharashtra News : महाराष्ट्र में मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने आरक्षण पर राज्य सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। दूसरी तरफ ओबीसी समाज ने भी राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके करीब एक हफ्ते से अनशन पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि राज्य सरकार ओबीसी वर्ग को बिना हाथ लगाए मराठा समाज को आरक्षण दें। हाके के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। बीड में लोगों ने प्रदर्शन किया है। इतना ही नहीं सड़क पर टायर जलाकर रास्ता रोको आंदोलन भी किया गया।
महाराष्ट्र के बीड जिले के पांगरी में ओबीसी आंदोलनकारी ने रास्ता रोको किया और सड़क पर टायर जलाया है। आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ा जा रहा है। पंकजा मुंडे और राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने सोमवार को लक्ष्मण हाके से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
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क्या हैं हाके की मांगें
दरअसल, राज्य सरकार का कहना है कि मराठा समाज को आरक्षण देने से ओबीसी वर्ग को इसका नुकसान नहीं होगा। हाके का मानना है कि अगर सच में ओबीसी वर्ग को नुकसान नहीं होगा तो राज्य सरकार हमें लिखित में आश्वासन दें। महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी एनसीपी अजित पवार गुट के ओबीसी सेल के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपील की है जिस तरह उन्होंने मनोज जरांगे पाटिल का अनशन तुड़वाया था, उन्हें आश्वासन दिया गया। ठीक उसी तरह सीएम हाके का अनशन समाप्त करवाए और उनकी मांग के मुताबिक लिखित में आश्वासन दें। तभी हम मानेंगे कि सीएम शिंदे सभी वर्ग के साथ न्याय करेंगे और किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। भूख हड़ताल पर बैठे हाके को ओबीसी के बड़े नेताओं का भी साथ मिल रहा है। मंत्री छगन भुजबल ने भी समर्थन दिया है और वे जल्द ही हाके से मुलाकात भी कर सकते हैं।
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मनोज जरांगे पाटिल ने एक महीने का दिया अल्टीमेटम
आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार के सामने एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति है। अगर सरकार जरांगे पाटिल की मांग को पूरा करती है तो ओबीसी समाज नाराज हो सकता है। अगर मराठाओं को ओबीसी वर्ग में शामिल नहीं किया जाता है तो मराठा की नाराजगी सरकार को उठानी पड़ सकती है। मनोज जरांगे पाटिल राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश को लागू करने की मांग को लेकर 8 जून से अनशन पर बैठे थे। अनशन के 4 से 5 दिन बीतने पर राज्य सरकार के शिष्टमंडल ने मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात कर एक महीने का समय मांगा। पाटिल ने राज्य सरकार को 12 जुलाई तक मोहलत दी है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर इस बार समाज के साथ कोई गद्दारी की गई तो विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी ताकत से जुट जाएंगे।