---विज्ञापन---

पाकिस्तान में अपने गांव जाना चाहते थे पूर्व PM मनमोहन सिंह, देखना था बचपन का स्कूल

Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। वो 92 साल के थे। गुरुवार शाम करीब 8 बजे उन्हें दिल्ली के AIIMS के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

Edited By : Ashutosh Singh | Updated: Dec 27, 2024 06:03
Share :

Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री और देश के प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ.मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को निधन हो गया है। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। डॉ. मनमोहन सिंह काफी समय से बीमार चल रहे थे। इस वजह से उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। मनमोहन सिंह को लेकर कहा जाता है कि उन्हें परदे को पीछे रहकर देश के लिए काम किया। इसी वजह से PM रहने के बाद भी वो चाहकर पाकिस्तान स्थित अपने पुश्तैनी गांव गाह नहीं जा सके थे। उनकी इस इच्छा के बारे में कांग्रेस नेता और मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे राजीव शुक्ला ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया था।

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने किया था खुलासा

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म इस्लामाबाद से सौ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में बसे गाह गांव में हुआ था। इस गांव के प्राइमरी स्कूल में ही उन्होंने कक्षा चार तक की पढ़ाई की थी। मनमोहन सिंह का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया था। विदेश में नौकरी के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह एक बार पाकिस्तान गए थे।

---विज्ञापन---

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने अपनी किताब Scars Of 1947: Real Partition Stories में लिखा है कि डॉ. मनमोहन सिंह विदेश में नौकरी करते समय एक बार अपने दोस्त के साथ रावलपिंडी गए थे। इस दौरान वो उस गुरुद्वारे में गए थे, जहां बचपन में बैसाखी के दिन जाते थे। हालांकि वो अपने गांव नहीं गए थे।

देखना चाहते थे अपना स्कूल

अपनी किताब में इस किस्से को बताते हुए उन्होंने लिखा, “एक बार पाकिस्तान से वापस आने के बाद मैं उनके साथ पीएम हाउस में बैठा हुआ था। इस दौरान उन्होंने मुझसे कहा था कि मेरा मन भी पाकिस्तान जाने का है। मैंने उनसे पूछा कि आप पाकिस्तान में कहां जाना चाहते है तो उन्होंने जवाब देते हुए मैं अपने गांव जाना चाहता हूं।”

---विज्ञापन---

राजीव शुक्ला ने आगे बताया, “मैंने उनसे पूछा कि क्या वो अपना पैतृक घर देखना चाहते हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कि नहीं, मेरा घर तो बहुत पहले ही खत्म हो गया था। मैं उस स्कूल को देखना चाहता हूं, जहां पर मैंने कक्षा चार तक पढ़ाई की थी।” हालांकि वो कभी भी पाकिस्तान नहीं जाए और उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो सकी।

उनके नाम पर रखा गया था स्कूल का नाम

प्रधानमंत्री बनाने के बाद उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने गाह गांव में विकास के कार्य कराए जाने को बात कही थी। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने गाह गांव को “आदर्श गांव” भी घोषित कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने जिस स्कूल से पढ़ाई की थी, उसका नाम भी उनके नाम पर ही रख दिया गया था। अब इस स्कूल का नाम मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज प्राइमरी स्कूल है।

HISTORY

Edited By

Ashutosh Singh

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Dec 26, 2024 11:36 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें