Manmohan Singh Birth Anniversery: जब 2004 में मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद संभाला, तब भारत एक नई दिशा की तलाश कर रहा था. अगले दस सालों में उन्होंने ग्रामीण भारत से लेकर वैश्विक बाजार तक हर मोड़ पर अपने आर्थिक और सामाजिक सुधारों से देश का विकास किया है. आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की जयंती है. इस मौके पर उनके बारे में बात होना जरूरी है.
आपने उन पर बनी फिल्म का टाइटल सुना होगा ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर.’ यह शीर्षक उन पर बिल्कुल फिट बैठता है क्योंकि वे असल में अचानक ही इस पद के लिए चुने गए थे. भारत के पीएम बनने से पहले वे राजीव गांधी सरकार में मंत्री भी रह चुके थे. आइए जानते हैं आर्थिक रूप से उन्होंने भारत को कैसे मजबूत किया.
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
डॉक्टर मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश इंडिया के पंजाब प्रोविनेंस के गाह में हुआ था. यह अब के पाकिस्तान का लाहौर शहर है. उनका जन्म यहां एक साधारण परिवार में हुआ था. इनकी जन्मतिथि 26 सितंबर 1932 है.
कैसे बने देश के 14वें प्रधानमंत्री?
मनमोहन सिंह देश के 14वें प्रधानमंत्री थे. उनके पीएम बनने की कहानी भी रोचक है. राजीव गांधी की हत्या के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह (V.P. Singh) को तत्कालीन प्रधानमंत्री बनाया गया था. इसके बाद जब देश में आम चुनाव हुए थे तब कांग्रेस के पास पीएम पद के लिए कोई चेहरा नहीं था. सोनिया गांधी को उनके इटालियन होने के चलते देशवासी प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकर नहीं कर पा रहे थे.
मनमोहन सिंह का स्वभाव शांत और सहज था. राजीव गांधी के कार्यकाल में किए गए उनके द्वारा किए गए काम से भी जनता उन्हें पसंद करती थी. इसलिए, UPA ने मनमोहन सिंह का नाम आगे किया था. 22 मई 2004 को डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और देश के पहले सिख प्रधानमंत्री बने.
मनमोहन सिंह के पास कितनी डिग्रियां थीं?
डॉक्टर मनमोहन सिंह डिग्रियों के धनी थें. उनके पास 4 मुख्य डिग्रियां BA-इकॉनॉमिक्स, MA-इकॉनॉमिक्स, BPhil-इकॉनॉमिक्स और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (DPhil/PhD) थीं. इसके अलावा, उन्हें दुनिया की कई यूनिवर्सिटीज ने मानद डॉक्टरेट (Honorary Doctorates) की डिग्रियां दी थीं, जैसे ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, IITs और दिल्ली विश्वविद्यालय.
इन योजनाओं से जीता देशवासियों का दिल
1.MGNREGA, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
इस योजना की शुरुआत मनमोहन सरकार ने साल 2005 में की थी. इस स्कीम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ावा देना था. इससे परिवारों को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया. यह देश में ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन में लिया गया बड़ा कदम था.
2.GDP ग्रोथ
पीएम मनमोहन के कार्यकाल में साल 2004 से 2008 तक भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7-9% तक पहुंची है. यह उस समय दुनिया में किसी भी देश की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी. साल 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था ने स्थिरता दिखाई, जिसकी वजह सरकार की नीतियां थीं.
3.बैंकिंग और वित्तीय सुधार
बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन की सरकार नई नीतियां लाई थी. इससे ग्रामीण और छोटे कस्बों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाई गई थीं. इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला ताकि आम जनता भी बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ सके. शेयर बाजार और इंश्योरेंस सेक्टर में भी नए सुधार हुए.
ये भी पढ़ें-लड़ाकू विमान MiG-21 को आखिरी सलाम, एयरफोर्स चीफ ने उड़ाकर दी विदाई, पढ़ें 62 साल के शौर्य की कहानी