Manipur Violence: मणिपुर के कुछ हिस्सों में झड़पों के मद्देनजर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया है। स्थिति में सुधार होने तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। रेलवे की ओर से बताया गया कि पूर्वोत्तर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सब्यसाची डे ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि मणिपुर सरकार की ओर से ट्रेन की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद ये निर्णय लिया गया है। इस बीच, भारतीय रेलवे ने भी राज्य में हिंसा के बाद 5 मई और 6 मई के लिए चार ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है।
चार ट्रेनें रद्द की गईं
रेलवे ने कहा कि मणिपुर राज्य के अधिकारियों ने मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण ट्रेन परिचालन बंद करने की सलाह दी है। चार ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा, मणिपुर में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) मणिपुर की ओर से आयोजित एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
मेघालय के मुख्यमंत्री ने की बैठक
इससे पहले गुरुवार को मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मणिपुर में हिंसा की खबरों के बाद मेघालय के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक तत्काल बैठक बुलाई थी। बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। सीएम ने कहा कि सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि स्थिति उत्पन्न होती है तो छात्रों को निकालने के लिए एक योजना तैयार करें।
संगमा ने कहा कि मेघालय के 200 से अधिक निवासी मणिपुर में पढ़ रहे हैं और सरकार आपात स्थिति के मामले में छात्रों या परिवार के सदस्यों तक पहुंचने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू कर रही है।
बता दें कि 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) की ओर से बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क गई थी। दरअसल, इम्फाल घाटी में दबदबा रखने वाले मैतई समुदाय के लोग अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं जिसका विरोध करने के लिए ATSUM ने रैली बुलाई थी।
मणिपुर के कई जिलों में जनजातीय समूहों की ओर से रैलियां निकालने के बाद बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है। बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध के साथ-साथ राज्य के कई जिलों में रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।