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शांति वार्ता के एक दिन बाद फिर सुलगा मणिपुर, जिरीबाम में मैतई परिवार के घर किसने लगाई आग?

Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय में शांति वार्ता के बाद फिर हिंसा का मामला सामने आया है। इस बार जहां हिंसा हुई है, वो जिला आबादी के लिहाज से भी छोटा है और यहां पर 6 जून तक शांति व्यवस्था कायम थी। आखिर मणिपुर में हिंसा क्यों नहीं रुक रही? जानते हैं विस्तार से...

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Aug 3, 2024 15:10
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Manipur violence

Manipur Violence: कुकी और मैतेई समुदाय में शांति वार्ता के एक दिन बाद मणिपुर फिर सुलग उठा है। अब जिरीबाम जिले में मैतेई परिवार को घर जला देने का मामला सामने आया है। शुक्रवार रात को एक परिवार का आशियाना फूंक दिया गया। इससे पहले मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों की बैठक हुई थी। जिसमें अमन-शांति की वापसी के लिए सहमति बनी थी। जिरीबाम के एसपी एम प्रदीप सिंह ने बताया कि पुलिस और सीआरपीएफ की टीमों को मौके के लिए रवाना किया गया है। आगजनी का मामला लालपानी नामक इलाके के सेजांग गांव में सामने आया है। जो कुकी बहुल इलाकों के समीप पड़ता है। वहां कुछ उकसावे की कार्रवाई शरारती तत्वों ने की थी। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया है। ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, सुरक्षाबल प्रयास कर रहे हैं।

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इससे पहले गुरुवारों को 9 सामाजिक संगठन एक मंच पर आए थे। ये सभी संगठन कुकी और मैतेई समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। सभी की मीटिंग कछार में पड़ते सीआरपीएफ कैंप में हुई थी। इस मीटिंग में थडौ, मिजो और पैतेई भी शामिल हुए थे। बैठक में जिले के डीसी, एसपी, डीआईजी सीआरपीएफ, असम राइफल्स और 87 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट भी शामिल हुए थे। ह्मार, पैतेई, मिजो और थडौ जो संगठन में आते हैं। ये लोग कुकी के खिलाफ फिलहाल मैतेई लोगों को साथ दे रहे हैं।

बैठक में 3 बातों पर बनी थी सहमति

बैठक में 3 बातों पर सहमति बनी थी। पहला आपसी आगजनी और गोलाबारी की घटनाएं रोकेंगे। दूसरा वे लोग सुरक्षाबलों को साथ देंगे। तीसरा कानून व्यवस्था का पालन करते हुए शांति से आवाजाही सुनिश्चित करेंगे। इससे पहले 1 जुलाई को भी शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए बैठक हो चुकी है। यह साल की दूसरी बैठक है। एसपी प्रदीप सिंह के अनुसार ताजा मामला पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए चैलेंज है। लेकिन चुनौतियों से घबराने की नहीं, निपटने की जरूरत है। हम लोग इसके लिए काम करते रहेंगे।

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SOURCES
HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 03, 2024 03:10 PM

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