Mallikarujun Kharge on Election Rules Changes: चुनाव के नियमों में बड़े बदलाव की खबरों ने सत्ता के गलियारों में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस पार्टी ने मामले को कोर्ट में ले जाने का ऐलान किया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी केंद्र सरकार के इस कदम पर जमकर खरी-खोटी सुनाई है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चनावी नियमों में बदलाव एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
संविधान को पहुंची ठेस- खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे के अनुसार सरकार ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर हमला किया है। इससे संविधान और लोकतंत्र को गहरी ठेस लगी है। मोदी सरकार ने जानबूझकर चुनाव के नियमों में बदलाव किए हैं। यह सिस्टमैटिक साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद चुनाव आयोग की आजादी छीनना है।
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CJI को पैनल से निकाला- खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के दौरान पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को सेलेक्शन पैनल से निकाला गया। अब उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद चुनावी नियमों में बदलाव करना शुरू कर दिया है।
कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा- खड़गे
चुनाव आयोग का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बेशक चुनाव आयोग के एक अर्ध-न्यायिक बॉडी है, लेकिन वो कभी स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं ले सकती है। हम उसे बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम इस मामले को कोर्ट में लेकर जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल 1961 में बदलाव कर दिया है। इस नियम के सेक्शन 92(2)(A) के तहत सरकार को चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करवाना चाहिए। मगर सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को इससे बाहर निकाल दिया है। सरकार का कहना है कि पोलिंग बूथ पर लगे CCTV जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों से AI की मदद से छेड़छाड़ हो सकती है। इसलिए इन्हें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा। हालांकि कोई उम्मीदवार अगर चाहे तो कोर्ट के जरिए इन्हें हासिल कर सकता है।
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