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‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं, बनाया गया फेक नैरेटिव’, मालेगांव ब्लास्ट में 7 आरोपियों को बरी करते हुए कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी

Malegaon Blast NIA Court acquitted 7 accused: मालेगांव बम धमाका 29 सितंबर 2008 को हुआ था। इसमें 6 लोगों की मौत और करीब 100 लोग घायल हुए थे। इस मामले में पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर आरोपी थीं।

Author Written By: Amit Kasana Author Published By : Amit Kasana Updated: Jul 31, 2025 12:49

Malegaon Blast NIA Court acquitted 7 accused: मालेगांव ब्लास्ट में NIA कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस लाहोटी ने कड़ी टिप्पणियां की हैं। दरअसल, अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। कोई धर्म आतंक की पैरवी नहीं करता। अदालत ने स्पष्ट कहा कि इस केस में ‘फेक नैरेटिव’ बनाने का प्रयास किया गया।

कोर्ट ने अपने फैसले में कई सवाल उठाए। जस्टिस लाहोटी ने कहा कि ब्लास्ट से पहले घटनास्थल पर बाइक किसने पार्क की चार्जशीट में इसका कोई सबूत नहीं मिला है। इसके अलावा पुलिस को अपनी जांच में आरोपी कर्नल पुरोहित के घर पर RDX का कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है। बता दें मालेगांव बम धमाका 29 सितंबर 2008 को हुआ था। इसमें 6 लोगों की मौत और करीब 100 लोग घायल हुए थे।

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घटनास्थल से नहीं सीज किए गए पत्थर, सरकार रही साजिश साबित करने में नाकाम

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच एजेंसियों ने मौके पर जांच करते हुए सही से साक्ष्य एकत्रित नहीं किए। इतना ही नहीं घटना के बाद जब मौके पर पत्थरबाजी हुई और हंगामा खत्म होने के बाद घटनास्थल पर पुलिस पहुंची तो जांच अधिकारियों ने पत्थरों को सीज नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार पूरे मामले में साजिश को साबित करने में पूरी तरह नाकाम रही है।

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कोर्ट ने घायलों की संख्या पर उठाया सवाल, कहा-मौके पर साक्ष्यों को एकत्रित करने में बरती गई लापरवाही

अदालत ने कहा कि मामले में फिंगर सैंपल कलेक्ट नहीं किए गए। बाइक का चेसिस रिस्टोर नहीं किया गया। इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बाइक की मालिक तो जरूर थीं लेकिन बाइक किसके कब्जे में थी और उसे कौन चलाता था? इस बात का जांच रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि आरोपी बनाते हुए लोगों का स्क्रैच मौके पर नहीं बनाया गया था। इसके अलावा अदालत ने मामले में घायलों की संख्या पर भी सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि ब्लास्ट में घायलों की संख्या 101 नहीं, बल्कि 95 थी।

ये भी पढ़ें: मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी 7 आरोपी बरी

First published on: Jul 31, 2025 12:03 PM

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