मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान के बाद छिड़ा विवाद हाल-फिलहाल थमता नज़र नहीं आ रहा है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बयान जारी कर कहा है, “ये राज्यपाल के अपने निजी विचार हैं, लेकिन हम उनके बयानों का समर्थन नहीं करेंगे। राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है। उन्हें संविधान की नैतिकता के तहत बोलना चाहिए। हम मुंबई के लिए मुंबईकर और मराठी लोगों के योगदान को कभी नहीं भूलेंगे।”
Governor has his own personal views but we won't support his statements. Governor's post is a constitutional post. He must speak under the ethics of the constitution. We will never forget Mumbaikar's & Marathi people's contribution to Mumbai: Maha CM Eknath Shinde on Guv Koshyari pic.twitter.com/4Dk47dfggJ
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 30, 2022
ये था मामला
अपने भाषण में, राज्यपाल ने अन्य राज्यों के लोगों के योगदान को सराहते हुए कहा था, ‘आप मुंबई को भारत की वित्तीय राजधानी कह सकते हैं, लेकिन अगर आप गुजरातियों और मारवाड़ियों को यहां से हटा देंगे तो यह वित्तीय राजधानी नहीं रहेगी।’ उनके भाषण से काफी हद तक मामला मराठी बनाम गुजराती हो गया। राज्य के शीर्ष नेताओं ने कहा कि यह स्थानीय लोगों का अपमान है।
राज्यपाल कार्यालय से सामने आई सफाई
राज्यपाल के कार्यालय ने सफाई जारी करते हुए कहा, ‘मैंने (कोश्यारी) केवल गुजरातियों और राजस्थानियों द्वारा किए गए योगदान पर बात की। मराठी लोगों ने मेहनत करके महाराष्ट्र का निर्माण किया, इसी वजह से आज कई मराठी उद्यमी मशहूर हैं।’
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र को आगे बढ़ाने में मराठियों का योगदान सबसे ज्यादा है। मुंबई महाराष्ट्र का गौरव है।’