लोकसभा में सांसदों को अब लाइन में लगने से छुटकारा मिलने वाला है। अब सांसद MMD यानी मल्टी मीडिया डिवाइस के जरिए अपनी अटेंडेंस दर्ज करा सकेंगे। अभी सिर्फ लोकसभा में ही ऑनलाइन अंटेंडेंस प्रक्रिया शुरू की गई है। मानसून सत्र के पहले दिन से सांसदों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए नई डिजिटल व्यवस्था लागू होगी। अब हर सांसद अपनी सीट पर लगे मल्टीमीडिया डिवाइस के जरिए खुद ही उपस्थिति दर्ज कर पाएंगे।
अटेंडेंस प्रक्रिया डिजिटल
पहले उन्हें संसद में प्रवेश से पूर्व टैबलेट पर स्टाइलस के माध्यम से हस्ताक्षर करने होते थे, जिससे समय भी लगता था और कई बार लाइन भी लग जाती थी। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है। लोकसभा सांसदों की सदन में हाजिरी को अब हाईटेक बनाया गया है। अब सभी लोकसभा सांसद अपनी अटेंडेंस सीट पर बैठकर ही तीन तरीके से दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए सांसद तीन तरीका अपना सकते हैं।
- पहला तरीका- वो अपने मल्टीमीडिया कार्ड के जरिए पंच कर सकते हैं।
- दूसरा तरीका- लोकसभा सांसद अपने पिन नंबर से ही अपनी हाजिरी लगा सकते हैं।
- तीसरा तरीका यह है कि सांसद अपने अंगूठे के निशान से अपनी सीट पर लगे इंप्रेशन ग्रैबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मानसून सत्र से लागू, समय की होगी बचत
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा शुरू की गई इस पहल को इसी मानसून सत्र से लागू किया जा रहा है। पुराने तरीके में जहां उपस्थिति दर्ज करने में औसतन 2 से 3 मिनट लगते थे, वहीं अब यह कुछ ही सेकंड्स में संभव होगा। वर्ष भर में संसद लगभग 70 दिन चलती हैय़ इस हिसाब से हर सांसद को सालाना लगभग साढ़े तीन घंटे का समय बचेगा, जिसे वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में लगा सकेंगे।
ये भी पढ़ें:- स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, SpaceX ड्रैगन में कुल 4 अंतरिक्ष यात्री
AI के जरिए बहुभाषी एजेंडा
इतना ही नहीं अब संसद की कार्यसूची और दस्तावेज 12 भाषाओं में उपलब्ध होंगे। असमिया, बंगाली, अंग्रेज़ी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में इसके लिए AI आधारित टूल का उपयोग किया जा रहा है।
AI से संसद कार्यवाही का ट्रांसक्रिप्शन
लोकसभा सचिवालय ने ‘भाषिणी’ प्लेटफॉर्म के सहयोग से संसदीय कार्यवाही का AI आधारित वाक्यशः (स्पीच-टू-टेक्स्ट) ट्रांसक्रिप्शन शुरू करने का फैसला किया है। यह व्यवस्था पारंपरिक रिपोर्टिंग के साथ-साथ चलेगी और इससे कार्यवाही का सटीक व बहुभाषी रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा। लोकसभा सचिवालय का कहना है कि इन पहलों का उद्देश्य संसदीय कामकाज को अधिक पारदर्शी, समावेशी और तकनीक-सक्षम (Tech-enabled) बनाना है।
ये भी पढ़ें:- अहमदाबाद विमान हादसे के बाद जागा DGCA, एयरलाइंस कंपनियों के लिए जारी किए निर्देश, 21 जुलाई तक करना होगा ये काम
राज्यसभा में पुरानी प्रणाली रहेगी जारी
हालांकि, राज्यसभा में अभी भी सांसदों को पुराने तरीके से ही उपस्थिति दर्ज करनी होगी। भविष्य में राज्यसभा में भी इस प्रणाली को अपनाने की संभावना है। नई संसद भवन में शुरू हुआ यह ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम न केवल सांसदों के समय की बचत करेगा, बल्कि संसदीय प्रक्रिया को भी अधिक आधुनिक, कुशल और पारदर्शी बनाएगा। यह डिजिटल पहल भारतीय संसद के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संसदीय सूत्रों की माने तो लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की तरफ से ऐसा सिस्टम लाने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे दोनों सदनों में डिजिटल उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी।