Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद जारी किए गए 5 लाख से ज्यादा ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार के 2012 के फैसले को भी अवैध करार दिया जिसमें 77 मुस्लिम जातियों को ओबीसी का दर्जा दिया था। इन 77 में से 42 जातियों को 2010 में तत्कालीन वामपंथी सरकार ने ओबीसी का दर्जा दिया था। फैसले के साथ ही कोर्ट ने एक राहत की खबर भी दी है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिन लोगों को ओबीसी कोटे के तहत अब जाॅब मिली हैं या एडमिशन हुए हैं उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट में ओबीसी की दो सूचियों को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि कई जातियों को बिना आर्थिक सर्वे के आधार पर ही ओबीसी में शामिल कर लिया गया है और ये सब ममत बनर्जी के सीएम बनने के बाद हुआ है।
फैसले पर जमकर हो रही राजनीति
लोकसभा चुनाव के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले पर जमकर राजनीति भी हो रही है। सीएम ममता बनर्जी ने फैसले को मानने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण है और हमेशा रहेगा। वहीं पीएम मोदी ने आज यूपी और हरियाणा की चुनावी रैलियों में इन मुद्दे को जमकर भुनाया। ऐसे में बंगाल में भाजपा इस बार ओबीसी आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाकर ध्रुवीकरण करने में कामयाब हो सकती है। अगर ऐसा होता है कि बंगाल में बीजेपी 30 से अधिक सीटें जीत सकती है। बता दें कि बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं इनमें से 17 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की आबादी 30 फीसदी से अधिक है।
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