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गोवा में सस्ती और कर्नाटक में सबसे महंगी बिक रही शराब, दामों में 5 गुना तक अंतर

liquor new price list: भारत में राज्यों में शराब के दाम अलग-अलग हैं। जिनमें काफी अंतर है। उदाहरण की बात करें तो गोवा में शराब सबसे सस्ती है। क्योंकि यहां पर टैक्स काफी कम है। वहीं, कर्नाटक और महाराष्ट्र में शराब की कीमतें इससे कहीं ज्यादा हैं। जो स्प्रिट की बोतल गोवा में 100 रुपये […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 25, 2023 07:08
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liquor new price list: भारत में राज्यों में शराब के दाम अलग-अलग हैं। जिनमें काफी अंतर है। उदाहरण की बात करें तो गोवा में शराब सबसे सस्ती है। क्योंकि यहां पर टैक्स काफी कम है। वहीं, कर्नाटक और महाराष्ट्र में शराब की कीमतें इससे कहीं ज्यादा हैं। जो स्प्रिट की बोतल गोवा में 100 रुपये की है, उसके दाम कर्नाटक में लगभग 513 रुपये हैं। वहीं, दिल्ली में इसकी कीमत 134 रुपये है। जिसके कारण इन राज्यों में लालपरी की तस्करी खूब हो रही है।

विदेशी कंपनियों से टैक्स में 150 परसेंट तक वसूली

द इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से डाटा दिया गया है। अभी तक गोवा की पहचान पर्यटन के तौर पर थी। लेकिन अब कम लेवी यानी टैक्स के कारण शराब की कम कीमतों से भी होती जा रही है। गोवा में शराब की एक बोतल का जो एमआरपी है, उसके हिसाब से यहां 49 फीसदी टैक्स निर्धारित है। वहीं, कर्नाटक में 83 और महाराष्ट्र में 71 फीसदी तक टैक्स लगाया जा रहा है।

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हालांकि विदेश से जो आयात है, उस पर रेट के हिसाब से शुल्क सभी राज्यों में समान लिया जाता है। विदेशी कंपनियों से लगभग 150 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता है। जिसमें लगातार कटौती की मांग हो रही है। यूके और यूरोपीय संघ की ओर से लगातार मुक्त व्यापार समझौते के तहत व्यापार की मांग हो रही है। जिसमें टैरिफ को कम करने को लेकर बात हो रही है।

दिल्ली और मुंबई में शराब के दामों में काफी अंतर

दिल्ली और मुंबई के शराब के दामों में ही टैक्स के कारण लगभग 20 परसेंट का अंतर है। दिल्ली में ब्लैक लेबल की बोतल लगभग 3100 में बिकती है। वही बोतल मुंबई में 4 हजार की है। जिसके कारण दूसरे राज्यों से तस्करी होती है। कराधान पर नियंत्रण खोने के कारण जो घाटा राजस्व में होता है। उसे सिर्फ पेट्रोल, डीजल या शराब से ही पूरा किया जाता है। शराब पर लेवी और पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ा दिया जाता है।

कुछ राज्य मुफ्त की पेशकश में इन चीजों पर अधिक शुल्क लगा देते हैं। क्योंकि उनको सिर्फ लाभ केंद्र से मिलने वाले जीएसटी के हिस्से से ही होता है। फिलहाल पेट्रोलियम पदार्थों पर चर्चा हो रही है कि इनको जीएसटी के दायरे में लाया जाए। लेकिन कहीं भी शराब को लेकर बात नहीं हो रही है। कई राज्य अगले माह से उत्पाद शुल्क चक्र को लेकर कदम उठाने जा रहे हैं। जिसके ऊपर इंडस्ट्री की नजर है।

First published on: Sep 25, 2023 06:35 AM
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