Lakhpati Didi Scheme: देश में लखपति दीदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, लखपति दीदियों की संख्या एक करोड़ के पार पहुंच गई है, जो हर साल कम से कम एक लाख रुपये कमाती हैं। सबसे अधिक ‘लखपति दीदी’ आंध्र प्रदेश में हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश का स्थान आता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
लक्षद्वीप में नहीं हैं एक भी ‘लखपति दीदी’
मंत्रालय के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में 13.65 लाख ‘लखपति दीदी‘ हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में 10.11 लाख और मध्य प्रदेश में 9.54 लाख लखपति दीदियां हैं। अगर केंद्रशासित प्रदेशों की बात करें तो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 242 लखपति दीदी हैं। लक्षद्वीप में कोई भी ‘लखपति दीदी’ नहीं हैं।
3 करोड़ लखपति दीदियों का सपना हो रहा है साकार!
प्रधानमंत्री @narendramodi देश भर में महिलाओं को सशक्त बनाने और 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के मिशन पर हैं। सुनिए पीएम मोदी और योजनाओं के लाभार्थियों के बीच बातचीत#LakhpatiDidi#NewIndia#3CroreLakhpatiDidi pic.twitter.com/uauY8FbJtn
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उत्तर प्रदेश और गुजरात में कितनी ‘लखपति दीदी’ हैं?
उत्तर प्रदेश में 6.68 लाख, गुजरात में 4.94 लाख, तमिलनाडु में 2.64 लाख, केरल में 2.31 लाख, महाराष्ट्र में 8.99 लाख, राजस्थान में 2.02 लाख और बिहार में 1.16 लाख और गोवा में गोवा 206 लखपति दीदी हैं। वहीं, केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में 51723 और जम्मू-कश्मीर में 29070 लखपति दीदियां हैं। पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो मेघालय में सबसे अधिक 33,856 लखपति दीदियां हैं। वहीं, मिजोरम में 16087, मणिपुर में 12499 और नगालैंड में 10494 ‘लखपति दीदी’ हैं।
Sahina Begum, Lakhpati Didi from Bandipora shares her inspiring journey with PM Sh @narendramodi of benefiting from self-help groups (SHGs). #ViksitBharatViksitJammuKashmir #PMinJammu pic.twitter.com/ia2XMSfuX4
— Dr Jitendra Singh (मोदी का परिवार) (@DrJitendraSingh) February 20, 2024
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लखपति दीदी योजना को लेकर क्या है पीएम मोदी का सपना?
पीएम मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण में कहा था कि उनका सपना गांवों में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस लक्ष्य को बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया। दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तीन साल की समय-सीमा तय की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग और व्यापार के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराती है। इसका मकसद महिलाओं को कृषि और गैर-कृषि दोनों क्षेत्रों में हर साल एक लाख रुपये की आय कमाने में मदद करनी है।
मेरा एक सपना है कि देश में स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली बहनो में से 3 करोड़ बहनो को में लखपति दीदी बनाना चाहता हूं।
– प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी #ViksitBharatViksitJnK pic.twitter.com/Xz7ITfWELF
— BJP Gujarat (@BJP4Gujarat) February 20, 2024
स्वयं सहायता समूहों को मिला 7 लाख करोड़ का बैंक लोन
मंत्रालय के मुताबिक, 2013-14 से अब तक स्वयं सहायता समूहों ने करीब 7 लाख करोड़ रुपये का बैंक लोन हासिल किया था। स्वयं सहायता समूहों का एनपीए 9.58 प्रतिशत था, जो अब घटकर 1.8 प्रतिशत हो गई है। मंत्रालय बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सखियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। यूपी में बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सखियों की संख्या 42666, मध्य प्रदेश में 10850 और राजस्थान में 10599 है।
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