दिल्ली में हाल ही में हुए लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार विस्फोट मामले में जांचकर्ताओं ने काजीगुंड से एक युवक को हिरासत में लिया है, जिसकी पहचान दानिश उर्फ ’जसीर’ बिलाल के रूप में हुई है. मिली जानकारी के अनुसार, दानिश पर हमले की साजिश रचने वाले “सफेदपोश” आतंकवादी नेटवर्क से कथित संबंध होने का आरोप है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दानिश पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट है. उसको हरियाणा के अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर नबी द्वारा कट्टरपंथी बनाया जा रहा था. ऐसा माना जा रहा है कि डॉ. उमर ने डॉ. अदील राथर और डॉ. मुजफ़्फर गनी जैसे अन्य शिक्षित पेशेवरों के साथ मिलकर प्रतिबंधित संगठनों ‘जैश-ए-मोहम्मद’ (JeM) और ‘अंसार गजवत-उल-हिंद’ (AGuH) से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल में अहम भूमिका निभाई थी.
2023 में दानिश आया था समूह के संपर्क में
जांच से पता चला कि दानिश पहली बार अक्टूबर 2023 में कुलगाम की एक मस्जिद में इस समूह के संपर्क में आया था. बाद में, उसे अल-फलाह विश्वविद्यालय के पास एक किराए के फ्लैट में ले जाया गया, जहां डॉ. उमर ने कथित तौर पर उसे कई महीनों तक आत्मघाती हमलावर बनने के लिए प्रेरित किया. हालांकि, अप्रैल 2025 में, दानिश ने कथित तौर पर इस हमले में शामिल होने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसका मानना था कि ‘इस्लाम में आत्महत्या हराम है’ और उसकी आर्थिक स्थिति खराब थी.
मिली जानकारी के अनुसार, उसके इनकार के बाद, डॉ. उमर ने खुद ही यह भूमिका निभा ली. 10 नवंबर, 2025 को, कथित तौर पर उसने विस्फोटकों से लदी एक कार चलाई, जिसमें दिल्ली के लाल किले के पास विस्फोट हुआ, जिसमें 13 लोग मारे गए. बाद में, विस्फोट स्थल से लिए गए डीएनए सैंपल उसकी मां के DNA से मैच हुए और उसकी पहचान हुई.
दानिश को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लिया हिरासत में
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दानिश की हिरासत, साथ ही डॉ. मुजामिल, डॉ. अदील राथर और डॉ. मुजफ्फर गनी की गिरफ्तारी, कई राज्यों में संचालित व्यापक ‘सफेदपोश’ आतंकवादी (white-collar terror nexus) गठजोड़ को उजागर करने में महत्वपूर्ण रही है.
इस मामले में एक और मोड़ आया जब दानिश के पिता, बिलाल वानी, जो एक स्थानीय मेवा विक्रेता थे, ने अपने बेटे की कथित संलिप्तता के बारे में जानने के बाद खुद को आग लगा ली. स्थानीय अस्पताल में उनकी मौत हो गई. परिवार के सदस्यों ने बताया कि वानी अपने बेटे और अपने भाई, प्रोफेसर नजीर वानी, जिनसे भी अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं, दोनों की गिरफ़्तारी के बाद से सदमे में थे.
प्रोफेसर नजीर की पत्नी ने कहा कि आत्मदाह की घटना और उनके पति व भतीजे की गिरफ़्तारी से उनका परिवार पूरी तरह टूट गया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके पड़ोसी, जो डॉक्टर थे, इतने चौंकाने वाले आतंकवादी मॉड्यूल में शामिल थे.
दानिश से पूछताछ कर रही पुलिस
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हमें पता होता, तो हम दानिश को कभी भी उनके साथ जुड़ने की इजाजत नहीं देते.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पति, जिन्हें उनके कॉलेज से उठाया गया था, निर्दोष हैं और उन्हें ऐसे किसी नेटवर्क की जानकारी नहीं है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दानिश को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है क्योंकि जांचकर्ता इस मॉड्यूल में शामिल उच्च शिक्षित गुर्गों के वित्तीय और वैचारिक संबंधों का पता लगाने में लगे हुए हैं. इस मामले ने एक बार फिर शिक्षित युवाओं के कट्टरपंथीकरण और पेशेवर समूहों में भर्ती के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा अपनाए जाने वाले परिष्कृत तरीकों पर चिंता जताई है.
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