KS Eshwarappa Controversy Karnataka BJP Leader: कर्नाटक की पूर्व भाजपा सरकार के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने एक और विवादित बयान दिया हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को मंदिर की जमीन पर बनी सभी मस्जिदों को खाली कर देना चाहिए। उन्हें ये सभी जगहें स्वेच्छा से खाली कर देनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर हम नहीं जानते हैं उनके साथ क्या होगा? कितने लोग मारे जाएंगे यह भी हम नहीं जानते।
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कर्नाटक के पूर्व मंत्री ने यह बयान भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 7 जनवरी को दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मथुरा समेत 2 जगह ऐसी हैं। हम सभी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिदों को हम किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेंगे। देश में ऐसी एक भी मस्जिद नहीं होगी जो मंदिर की जमीन पर बनी है। उन्होंने कहा कि यह मेरी निजी राय है।
Former #Karnataka minister and senior Bharatiya Janata Party (#BJP) leader #KSEshwarappa on Sunday once again stoked a controversy after he asked #Muslims to vacate the mosques allegedly built on demolished temple lands. He warned them of dire consequences if they failed to do… pic.twitter.com/mxM6Uf1BD3
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ईश्वरप्पा के विवादित बयान
बता दें कि केएस ईश्वरप्पा पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। 15 सितंबर 2019 को उन्होंने कहा कि अखंड भारत हर किसी का सपना है लेकिन ये इसलिए संभव नहीं है क्योंकि कुछ पार्टियों को मुस्लिम वोट बैंक का डर है। 29 नवंबर 2020 को उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं में किसी को भी टिकट दे सकते हैं लेकिन मुस्लिमों को टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने 30 मई 2022 को राष्ट्रीय ध्वज को लेकर कहा था कि आरएसएस का झंडा एक दिन भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनेगा।
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जानें कौन हैं केएस ईश्वरप्पा
केएस ईश्वरप्पा कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेता है। इनका जन्म 1948 को बेल्लारी में हुआ था। छात्र जीवन में ही ईश्वरप्पा संघ से जुड़ गए। काॅलेज में पढ़ाई के दौरान वे एबीवीपी में आ गए। इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए। 1989 में ईश्वरप्पा ने पहला चुनाव लड़ा। चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद 1992 में वे पार्टी के प्रदेश प्रमुख बने। बता दें कि अब ईश्वरप्पा अब तक शिमोगा से 5 बार विधायक रह चुके हैं। 2006 में वे पहली बार मंत्री बने। इसके बाद 2008 में सिद्धारमैया की सरकार में भी मंत्री रहे। वहीं 2012 में प्रदेश के डिप्टी सीएम भी बने।