Kolkata Rape Murder Case Update: कोलकाता रेप मर्डर केस में एक ओर अपडेट सामने आया है। मामले में 3 नए चेहरों की बात हो रही है। इन पर सवाल उठ रहे हैं कि जब मां-बाप को बेटी की लाश देखने के लिए 3 घंटे इंतजार करना पड़ा। बेटी को आखिरी बार देखने के लिए मुख्यमंत्री की परमिशन लेनी पड़ी तो यह तीनों शख्स सेमिनार हाल तक कैसे पहुंच गए? इन्हें जांच के वक्त सेमिनार हाल में क्यों आने दिया गया?
जबकि वहां तक किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा था। आस-पास फटकना भी बैन था और उस समय वहां कोई होना भी नहीं चाहिए था, लेकिन यह तीनों लोग क्यों थे? यह सवाल मृतका के परिजनों ने उठाए और पूछा कि यह तीनों लोग कौन हैं? इन तीनों की सेमिनार हाल में मौजूदगी का एक वीडियो भी सामने आया था। हालांकि वीडियो की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वारदातस्थल पर पुलिस के साथ इन 3 लोगों की मौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं, आइए जानते हैं कि ये 3 लोग कौन?
देबाशीष सोम
देबाशीष फोरेंसिक डॉक्टर हैं। वह आरजी कर अस्पताल से नहीं है, लेकिन वारदात के बाद जांच के समय पुलिस के अलावा वह मौके पर मौजूद थे। वारदात का पता चलते ही पहुंच गए थे।
शांतनु डे
शांतनु एक वकील हैं और वे वारदात के बाद पुलिस के अलावा मौके पर मौजूद थे। वे सेमिनार हाल के बाहर थे। शांतनु अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीष घोष के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं।
प्रसून चटर्जी
प्रसून भी संदीप घोषण के करीबी बताए जा रहे हैं। वे नेशनल मेडिकल कॉलेज के डेटा एंट्री ऑपरेटर हैं, लेकिन वे मौके पर क्या कर रहे थे और अस्पताल के बाहर का शख्स होने के बावजूद वे मौके तक कैसे पहुंचे?
क्या आरोप लगे?
सेमिनार हाल में इन तीनों लोगों की मौजूदगी से कई तरह की बातें उठी। सूत्रों के अनुसार, वारदात से भड़के डॉक्टरों का कहना है कि यह तीनों वारदात का पता लगते ही अस्पताल आते हैं। सेमिनार हाल में बिना रोक-टोक के घुसते हैं। पुलिस जांच कर रही है और यह तीनों एक तरफ खड़े होकर मीटिंग करते हैं, जबकि इन तीनों का अस्पताल से कोई कनेक्शन नहीं है, फिर वे बाहरी होने के बावजूद वारदातस्थल तक क्यों और कैसे पहुंचे? इसकी जांच होनी चाहिए।