Wayanad Landslide 2024: 30 जुलाई 2024 को केरल राज्य में कुदरत की तबाही देखने को मिली। इस तबाही ने 300 से ज्यादा लोगों की जिंदगी को पल भर में खत्म कर दिया। आज 30 जुलाई 2025 को भी देश के कई हिस्सों में लैंडस्लाइड जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। केरल में लैंडस्लाइड में मुंडक्कई, अट्टामाला चूरलमाला और पुंचिरिमट्टम के लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए थे। जिन लोगों ने इस तबाही को अपनी आंखों से देखा था उनके जहन में आज भी उसकी तस्वीरें छपी हैं। लैंडस्लाइड के समय जो लोग वहां पर मौजूद थे उनका कहना है कि ऐसा मंजर वो कभी नहीं देखना चाहते हैं।
वायनाड लैंडस्लाइड हादसे को एक साल पूरा
केरल के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन आपदा को एक साल पूरा हो गया है। यह आपदा 30 जुलाई 2024 की सुबह हुई थी। इस आपदा में जान गंवाने वाले 300 लोग चूरलमाला, मुंडक्कई, अट्टामाला और पुंचिरिमट्टम से थे। इस आपदा के एक साल पूरे होने पर उस वक्त पर बचाव अभियान में शामिल मजीद का बयान सामने आया है। वह उस मंजर को याद करते हुए कहते हैं कि ‘हमने सैकड़ों लोगों के शव देखे हैं। हमारी प्रार्थना है कि ऐसी तबाही फिर कभी न हो। उसकी तस्वीरें आज भी मुझे परेशान करती हैं।’
ये भी पढ़ें: केरल में समय से पहले पहुंचा मानसून, मई में ही शुरू हो जाएगी झमाझम बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
#WATCH | Malappuram, Kerala | Today marks one year since the tragic Wayanad landslide disaster.
It occurred in the early hours of July 30, 2024, and claimed the lives of over 300 people from Chooralmala, Mundakkai, Attamala and Punchirimattom. pic.twitter.com/zVdGWfseMh---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 30, 2025
कैसे हुआ था हादसा?
एक साल पहले मानसून के मौसम में केरल में बारिश तबाही बनकर बरसी थी। 30 जुलाई 2024 की सुबह को पहाड़ों की मिट्टी ढीली होने की वजह से पहाड़ से मलबा नीचे आ गया। वहां पर बसे गांव मलबे में दब गए। उस समय ज्यादातर लोग सो रहे थे। मलबे में दबने के बाद सैकड़ों लोग कभी नींद से जाग नहीं पाए। 300 लोगों की मौत की रिपोर्ट्स सामने आईं, जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी आज तक कोई खबर नहीं मिल सकी है।
रास्ते टूटे, खंडहर बने गांव
लोगों को मलबे से निकालने के लिए कई टीमें काम पर लगी थीं। उस दौरान, हेलिकॉप्टर्स के जरिए लोगों का रेस्क्यू किया गया। वहीं, कुछ लोग हमेशा के लिए मलबे में ही दबे रह गए। इस तबाही के बाद रास्ते टूट गए थे। लोगों के घर मलबे में तब्दील हो गए, जिसके बाद से वह अब तक रेस्क्यू कैंप्स में रह रहे हैं। मृतकों के परिवारों को सरकार की तरफ से मुआवजा भी दिया गया था।
ये भी पढ़ें: वायनाड भूस्खलन में परिवार खोया, फिर हादसे में मंगेतर… कौन हैं श्रुति? जिनको अब यूट्यूबर्स बनाकर देंगे घर