देश में इन दिनों वक्फ बोर्ड संशोधन 2025 को लेकर काफी सियासी हंगामा देखने को मिल रहा है। लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को लेकर काफी देर तक बहस चली, जिसके बाद इस बिल को पास किया गया। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर फेमस कथावाचक देवकीनंद ठाकुर का बड़ा बयान सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर देवकीनंद ठाकुर ने कहा कि देर रात वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर चर्चा हुई। इस चर्चा ने कई तथाकथित सनातनियों के असली चेहरे उजागर कर दिए। यह वही लोग हैं, जो खुद को सनातनी होने का दंभ तो भरते हैं, लेकिन जब बात सनातनियों के अधिकारों की आती है, तब यही लोग सनातन से किनारा कर लेते हैं। आखिर यह कैसी मानसिकता है?
कल देर रात वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर हुई चर्चा ने कई तथाकथित सनातनियों के असली चेहरे उजागर कर दिए।
---विज्ञापन---यह वही लोग हैं, जो खुद को सनातनी होने का दंभ तो भरते हैं, लेकिन जब बात सनातनियों के अधिकारों की आती है, तब यही लोग सनातन से किनारा कर लेते हैं।
आखिर यह कैसी मानसिकता है?… pic.twitter.com/Vj3ay57Meg
---विज्ञापन---— Devkinandan Thakur Ji ( सनातनी ) (@DN_Thakur_Ji) April 3, 2025
वक्फ बोर्ड बचाव पर भड़के देवकीननंद
दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों देवकीननंद ठाकुर का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में देवकीननंद ठाकुर ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बात की। उन्होंने कहा कि अभी सदन में वक्फ बोर्ड बिल पास हुआ है। संसद में रात के 12 बजे तक इस पर बहस चली है। इस चर्चा में बिल के खिलाफ उनका पक्ष लेने वाले कोई नहीं बल्कि हिंदू नेता थे। उन्होंने आगे कहा कि एक भी मुस्लिम नेता ने यह नहीं कहा कि सनातन बोर्ड बनाओ, लेकिन कितने हिंदू नेता हैं जो कह रहे हैं कि वक्फ बोर्ड बचाओ। ऐसा क्यों है? क्योंकि हम और आप ईमानदारी से अपने धर्म की रक्षा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम उन गद्दारों के साथ खड़े हो जाएंगे, जो हमारे साथ गद्दारी कर रहे हैं। क्योंकि हम व्यक्ति के समर्थक हैं, विचार के समर्थक नहीं हैं।
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मुसलमानों से सीखों अच्छी बातें
उन्होंने कहा कि अगर अच्छी बात मुसलमानों से सीखने मिलती है, तो सीखो कि कैसे वे समय पर मस्जिद पहुंचते हैं। हमें भी मंदिर और कथा में समय पर जाना चाहिए। जिस तरह से वे नवाज में बात नहीं करते, उस तरह हमें कथा में बात नहीं करनी है। उनकी एक और बात बहुत अच्छी है कि उनका हर एक बच्चा कुरान पढ़ता है। आपको भी अपने बच्चों को रामायण पढ़ानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज हम लोग अपने बच्चों को रामायण पढ़ाने हैं। इसलिए हमारे साथ कोई खड़ा नहीं है। इसलिए ही हमारे हित की बात हमारे ही लोग सदन में नहीं करते हैं। इसका जिम्मेदार कोई और नहीं, सिर्फ हम लोग ही हैं। अगर आने वाली पीढ़ी को जब संकट देखना पड़ेगा, तो वे हमें गाली देंगे।