Kartarpur sahib Corridor: विश्व स्तरीय सिख संस्थाओं की प्रतिनिधि संस्था ग्लोबल सिख काउंसिल (जीएससी) ने भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 1 महीने से जारी संघर्षविराम और सामान्य हालात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से अपील की है कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोला जाए, जिसे भारत सरकार ने 7 मई को पहलगाम हमले और सीमा पर उत्पन्न तनाव के चलते बंद कर दिया था।
जीएससी की अध्यक्ष डॉ. कंवलजीत कौर और महासचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल ने भारत द्वारा एकतरफा और अनिश्चित काल के लिए यात्रा रोकने पर चिंता व्यक्त की है। बताया कि पाकिस्तान की ओर से कॉरिडोर अब भी खुला है। कॉरिडोर बंद रखने के चलते देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु श्री गुरु नानक देव के अंतिम समय के तपस्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के दर्शन से वंचित हो रहे हैं।
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राजनीतिक तनावों की भेंट न चढ़े
पीएम मोदी को भेजी गई चिट्ठी में जीएससी ने लिखा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर धर्म, शांति और अंतरराष्ट्रीय भाईचारे का ऐतिहासिक प्रतीक है। कहा कि धार्मिक यात्रा को कभी भी राजनीतिक तनावों की भेंट नहीं चढ़ाया जाना चाहिए, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच हालात सामान्य हो चुके हैं। कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर कोई साधारण रास्ता नहीं बल्कि दुनिया भर में बसे सिख समुदाय के लिए एक आत्मिक जीवन रेखा है।
गृहमंत्रालय और विदेश मंत्रालय से भी की अपील
ग्लोबल सिख काउंसिल ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से भी अपील की है कि वे तुरंत कार्रवाई करें और इस सीमा पार धार्मिक यात्रा सुविधा को दोबारा शुरू करें। उन्होंने कहा कि श्री करतारपुर साहिब कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह धार्मिक अधिकारों और आत्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा विषय है। इसे प्रशासनिक या राजनीतिक कारणों से बंद रखना नाइंसाफी है और इससे विश्वभर की सिख संगतों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।
आपसी विश्वास बढ़ने की जताई उम्मीद
ग्लोबल सिख काउंसिल का कहना है कि इस कॉरिडोर को पुनः खोलने से न केवल धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित होगी बल्कि आपसी विश्वास भी मजबूत होगा और अंतरराष्ट्रीय शांति-सद्भावना को भी बल मिलेगा। काउंसिल ने सभी सिख संस्थाओं, पंजाब सरकार, सांसदों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की है कि वे एकजुट होकर करतारपुर साहिब कॉरिडोर को दोबारा खोलने के लिए आवाज उठाएं, ताकि संगतें फिर से इस पवित्र स्थल के सुखद दर्शन कर सकें।