कर्नाटक के कोडागू जिले से 5 साल पहले हुई एक महिला की हत्या के मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। यह मामला किसी सस्पेंस और थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है। पुलिस के मुताबिक, 5 साल पहले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी, जिसके लिए वह पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद था। अब वह महिला जीवित पाई गई है। वहीं, इस खुलासे ने अब पुलिस जांच पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके कारण एक निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से जेल भेजा गया।
पति ने डेढ़ साल जेल में बिताए
मैसूर की एक अदालत ने पुलिस की ओर से की गई चूक को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) को एक मामले के संबंध में 17 अप्रैल से पहले पूरी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। दरअसल, एक महिला की 2020 में उसके पति द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी और अब वह महिला जीवित अदालत में पेश हुई है। मल्लिगे नामक महिला के पति सुरेश ने हत्या के आरोप में लगभग डेढ़ साल जेल में बिताए हैं। यह मामला लगभग 38 वर्षीय सुरेश की गिरफ्तारी और कारावास से संबंधित है, जिसने दिसंबर 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी मल्लिगे कोडागु जिले के कुशलनगर से लापता हो गई है। इसके बाद पुलिस को बेट्टादारपुरा (पेरियापटना तालुका) में एक महिला का कंकाल मिला और अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
इस मामले के 5 साल बाद 1 अप्रैल 2025 को मल्लिगे को सुरेश के एक दोस्त ने मदिकेरी में एक अन्य व्यक्ति के साथ देखा। सुरेश के वकील पांडू पुजारी ने बताया कि 1 अप्रैल को मल्लिगे को मदिकेरी के एक होटल में एक आदमी के साथ खाना खाते हुए पाया गया। उसे सुरेश के दोस्त ने देखा, जो चार्जशीट में नामित एक गवाह भी है। उसे मदिकेरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जिसके बाद जिला न्यायाधीश की अदालत में ‘अग्रिम आवेदन’ दायर किया गया। उन्होंने कहा, ‘अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को तुरंत मल्लिगे को पेश करने को कहा। फिर उसे अदालत में पेश किया गया। पूछताछ में उसने भागकर किसी दूसरे व्यक्ति से शादी करने की बात स्वीकार की। उसने कहा कि सुरेश के साथ क्या हुआ, उसे इसकी जानकारी नहीं थी। वह मडिकेरी से सिर्फ 25-30 किलोमीटर दूर शेट्टीहल्ली नामक गांव में रह रही थी, लेकिन पुलिस ने उसका पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया।’
पुलिस की लापरवाही से पति को हुई जेल
पत्रकारों से बात करते हुए सुरेश के वकील पांडू पुजारी ने कहा, ‘कुशलनगर के एक गांव के रहने वाले सुरेश ने 2020 में अपनी पत्नी के लापता होने की शिकायत कुशलनगर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। लगभग उसी समय बेट्टादारपुरा पुलिस स्टेशन की सीमा में एक कंकाल मिला था। एक साल बाद बेट्टादारपुरा पुलिस ने सुरेश को गिरफ्तार किया और आरोप लगाया कि उसने अवैध संबंध के चलते अपनी पत्नी की हत्या की है। उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।’ पुलिस ने मल्लिगे की मां के खून के नमूने के साथ कंकाल को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा था। उन्होंने कहा, ‘डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही पुलिस ने अदालत में अंतिम आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन अंततः जो डीएनए परीक्षण रिपोर्ट आई उसमें अंतर पाया गया।
पुलिस ने अपनी जांच का किया बचाव
जब डीएनए नहीं मिलने का हवाला देते हुए आरोप मुक्त करने का आवेदन दायर किया गया तो अदालत ने उसे स्वीकार नहीं किया और मल्लिगे की मां और ग्रामीणों सहित गवाहों से पूछताछ करने को कहा। अधिवक्ता ने कहा, ‘सभी ने अदालत के समक्ष यह बयान दिया कि वह जीवित थी और किसी के साथ भाग गई थी। अदालत ने कुशालनगर और बेट्टादारापुरा पुलिस से आरोपपत्र में खामियों के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने अपनी जांच का बचाव किया और कहा कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी।’
‘हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे’
सुरेश के वकील ने कहा कि वह अदालत के अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बार आदेश जारी हो जाने पर वह अपने मुवक्किल को हुई पीड़ा और पुलिस द्वारा उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने मुवक्किल के लिए न्याय और मुआवजा मांगूंगा। हम मानवाधिकार आयोग और एसटी आयोग से भी संपर्क करेंगे, क्योंकि सुरेश एसटी समुदाय से आता है और एक गरीब व्यक्ति है।’ इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कंकाल मामले की भी जांच होनी चाहिए और यह भी कि क्या पुलिस ने सुरेश को आरोपी बनाकर दोनों मामलों को बंद करने की साजिश रची थी।