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हनुमान ध्वज पर कर्नाटक में क्यों मचा बवाल? CM सिद्धारमैया को देना पड़ा बयान

Hanuman Flag Karnataka Row CM Siddaramaiah Statement: हनुमान ध्वज लगाने को लेकर कर्नाटक में बवाल मच गया है।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Jan 28, 2024 22:03
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Karnataka Hanuman Flag Row CM Siddaramaiah Statement
कर्नाटक में हनुमान ध्वज को लेकर विवाद।

Karnataka Hanuman Flag Row CM Siddaramaiah Statement: कर्नाटक में हनुमान ध्वज पर बवाल मच गया है। दरअसल, यहां मांड्या के केरागोडु गांव में 108 फीट ऊंचे खंभे से हनुमान ध्वज को हटा दिया। इसके बाद यहां बवाल मच गया। हिंसा की भी खबरें सामने आईं। इसे देखते हुए प्रशासन को पुलिस की एक टुकड़ी तैनात करनी पड़ी। मामला यहां तक बढ़ गया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तक को बयान जारी कर इस मामले पर सफाई देनी पड़ गई। आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और इस पर सीएम सिद्धारमैया ने क्या कहा…

राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए

सिद्धारमैया ने हनुमान ध्वज को हटाने को लेकर अधिकारियों के कदम को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि हनुमान ध्वज के बजाय वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए। सिद्धारमैया ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा- राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा ध्वज फहराना ठीक नहीं है। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक विवाद भी पैदा हो गया है। बीजेपी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ग्राम पंचायत बोर्ड ने केरागोडु गांव में हनुमान ध्वज फहराने का फैसला किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने पुलिस बल के साथ ध्वज को नीचे उतार दिया। अधिकारियों ने इसकी जगह राष्ट्रीय ध्वज लगाने का फैसला लिया। पूरा विवाद इसके बाद शुरू हुआ। बड़ी संख्या में लोग हनुमान का झंडा उतारने पर नाराज हो गए। इसके बाद विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए। फिर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

चंदा जुटाकर फहराया था हनुमान ध्वज

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केरागोडु के साथ ही आसपास के 12 गांवों के लोगों ने ध्वज की स्थापना के लिए चंदा जुटाया था। माना ये भी जा रहा है कि इस अभियान में बीजेपी और जेडीएस कार्यकर्ता भी शामिल हैं। लोगों ने रातभर धरना देकर मुख्यमंत्री और मांड्या के कांग्रेस विधायक गनीगा रविकुमार के खिलाफ नारे भी लगाए।

‘हिंदू विरोधी रुख’

अधिकारियों के अनुसार, ध्वजस्तंभ का स्थान पंचायत के अधिकार क्षेत्र में है। साथ ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति ली गई थी। अब ‘हिंदू विरोधी रुख’ के लिए राज्य की सरकार को अलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि पुलिस कार्रवाई की जरूरत नहीं थी। प्रशासन को ग्रामीणों से बात करनी चाहिए थी। ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बाद ही हनुमान ध्वज लगाया गया था।

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Written By

Pushpendra Sharma

First published on: Jan 28, 2024 10:00 PM

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