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जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़ा नया विवाद, इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने किया विरोध

कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश तो कर दी है, हाई कोर्ट का बार उनका स्वागत करने को तैयार नहीं है!

Author Reported By : Prabhakar Kr Mishra Edited By : Amit Kasana Updated: Mar 24, 2025 21:24
yashwant verma
जस्टिस यशवंत वर्मा।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की है। उधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने की मांग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो दिन के बैठकों में विचार के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश सरकार को भेज दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश मिलने की घटना के बाद अपने स्तर पर जांच की थी।

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से उनके ट्रांसफर की सिफारिश कर दी

जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा करने से पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से उनके ट्रांसफर की सिफारिश कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 मार्च को अपनी बैठक में इस पर चर्चा भी की थी। लेकिन उस दिन ट्रांसफर के प्रस्ताव पर फैसला टल गया था। अगले दिन 21 तारीख को जब यह खबर सार्वजनिक हुई कि जस्टिस वर्मा के घर पर कैश मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट करने की सिफारिश कर दी है तब उसी दिन शाम को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्टीकरण जारी किया और कहा कि अभी ट्रांसफर की सिफारिश नहीं की गई है। जस्टिस यशवंत वर्मा से जवाब मांगा गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी लिखा गया है। उनका जवाब आने के बाद इस मामले में कॉलेजियम इस संबंध में फैसला लेगी।

जली हुई नोटों की गड्डी के फोटो और वीडियो वायरल

इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने अपने वेबसाइट पर जारी कर दिया। जिसमें कथित तौर पर जस्टिस वर्मा के घर पर लगी आग के दौरान जली हुई नोटों की गड्डी के फोटो और वीडियो भी था। दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस इस संबंध में गहन जांच की जरूरत बताई थी। हालांकि जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें बदनाम करने की साजिश हुई है।

आरोपों की जांच के तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने जस्टिस वर्मा के ऊपर लगे आरोपों की जांच के तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसमें हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट चीफ जस्टिस, पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल हैं। साथ ही CJI ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि जस्टिस वर्मा को न्यायिक कार्य से दूर रखा जाए। आज सुबह हाई कोर्ट ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जस्टिस वर्मा से सभी न्यायिक काम ले लिया गया है।

व्यवस्था के मुताबिक किसी जज की नियुक्ति और ट्रांसफर के लिए कॉलेजियम केवल सिफारिश करती है

आज सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक बार फिर बैठक की। जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट की रिपोर्ट, घटना स्थल का वीडियो, इत्यादि को देखने के बाद कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कार्ट भेजने की सिफारिश सरकार के पास भेज दी है। व्यवस्था के मुताबिक किसी जज की नियुक्ति और ट्रांसफर के लिए कॉलेजियम केवल सिफारिश करती है, फैसला सरकार को करना होता है।

इलाहाबाद हाई कोट कोई डस्टबिन नहीं, भ्रष्टाचार के आरोप लगे जज को किया ट्रांसफर 

हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन पहले ही इस इस ट्रांसफर का विरोध कर चुका है। बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने बयान जारी कर बोल दिया था कि इलाहाबाद हाई कोट कोई डस्टबिन नहीं है कि जिस जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों उसका वहां ट्रांसफर कर दिया जाए। कॉलेजियम की सिफारिश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने की मांग कर रहे हैं। मतलब एक नया विवाद रूप ले रहा है।

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Amit Kasana

Reported By

Prabhakar Kr Mishra

First published on: Mar 24, 2025 09:18 PM

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