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जस्टिस संजीव खन्ना कौन? जो बनेंगे नए CJI, डीयू से पासआउट; वकालत से शुरू किया करियर

Justice Sanjiv Khanna New CJI: भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर संजीव खन्ना के नाम का ऐलान हो चुका है। केंद्र सरकार की ओर से भी इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई है। संजीव खन्ना की नियुक्ति को राष्ट्रपति मंजूरी दे चुकी हैं। उनके बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 24, 2024 22:06
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sanjeev khanna
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ अगले सीजेआई संजीव खन्ना।

Justice Sanjiv Khanna: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं। उनकी जगह अब सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस (CJI) के तौर पर संजीव खन्ना 11 नवंबर को शपथ लेंगे। संजीव खन्ना शीर्ष न्यायालय के सीनियर मोस्ट जज हैं। 13 मई 2025 को वे भी रिटायरमेंट लेने जा रहे हैं। इस वजह से उनका कार्यकाल सिर्फ 6 माह का होगा। इससे पहले 12 अक्टूबर को केंद्र सरकार की ओर से एक लेटर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को भेजा गया था। जिसमें अपने उत्तराधिकारी का नाम देने की अपील की गई थी। चंद्रचूड़ ने ही नए जस्टिस का नाम सुझाया था। गुरुवार को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने उनके नाम पर मुहर लगा दी।

संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के कैंपस लॉ सेंटर से पासआउट हैं। 1983 में पहली बार उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के तौर पर पंजीकरण करवाया था। यहीं से करियर शुरू हुआ। संजीव खन्ना दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में भी प्रैक्टिस कर चुके हैं। इसके बाद उनको दिल्ली हाई कोर्ट के लिए प्रमोट किया गया था। आपको बता दें कि जज के तौर पर 14 साल तक संजीव खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट में सेवाएं दे चुके हैं। 2005 में ये एडिशनल जज बने थे। जिसके बाद 2006 में उनका परमानेंट जज बनाया गया।

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इसके बाद 18 जनवरी 2019 को उनको प्रमोशन मिला था। वे सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर प्रमोट हुए थे। वे सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इस पद पर उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सेवाएं दी थीं। फिलहाल उनके पास राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी है।

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कई महत्वपूर्ण मामलों की कर चुके सुनवाई

इसके अलावा खन्ना राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के मेंबर भी हैं। संजीव खन्ना कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ, वैधानिक कानून, मध्यस्थता, आपराधिक कानून सहित कई क्षेत्रों में वकालत कर चुके हैं। यही नहीं वे कई मामलों में दिल्ली हाई कोर्ट की मदद के लिए एमिकस क्यूरी की भूमिका भी निभा चुके हैं। खन्ना बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली खंडपीठ का हिस्सा रहे थे। उन्होंने ही अरविंद केजरीवाल को बेल, अंतरिम बेल दी थी।

आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई भी वे कर चुके हैं। इसके अलावा VPAT का 100% वैरिफिकेशन, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम जैसी याचिकाएं भी उनके समक्ष आई थीं। अगस्त 2024 में समलैंगिक विवाह का एक मामला उनके सामने आया था। जिस पर 52 रिव्यू पिटीशन को लेकर सुनवाई होनी थी। लेकिन खन्ना इस मामले से अलग हो गए थे।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 24, 2024 09:37 PM

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