आसिफ सुहाफ, जम्मू-कश्मीर
Jammu-Kashmir and Ladakh High Court: महिला वकीलों को अपना चेहरा ढककर अदालत में बहस करने की अनुमति नहीं है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने एक मामले में ये आदेश दिया है। दरअसल, कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के ड्रेस कोड नियमों का हवाला देते हुए ये फैसला दिया है।
कोर्ट में महिला वकीलों की ड्रेस कोड को लेकर ये हैं नियम
ये फैसला देने वाले जस्टिस मोक्ष खजूरिया काजमी और जस्टिस राहुल भारती ने कहा कि बीसीआई नियमों के चैप्टर IV (भाग VI) में वकीलों की ड्रेस के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। अदालत ने अपने आदेश में आगे स्पष्ट किया कि नियमों के अनुसार महिला वकील कोर्ट में महिलाएं काले रंग की पूरी बाजू की जैकेट या ब्लाउज़, सफ़ेद बैंड, साड़ी या अन्य पारंपरिक कपड़े पहन सकती हैं। इसके अलावा महिला वकील काला कोट भी पहन सकती हैं।
Court held that wearing veil while appearing before a judge is not a fundamental right but violates the dress code as per BCI rules.
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Women lawyers can’t appear in court with faces covered, violates dress code: J&K High Courthttps://t.co/VkIEUN1S8E pic.twitter.com/PBRWRCdN5y
— Manasi Bhushan (@BhushanManasi) December 25, 2024
ये था पूरा मामला
दरअसल, अदालत में यह मुद्दा तब उठा जब एक मामले में एक महिला वकील पीठ के सामने चेहरा ढककर पेश हुई। जब उससे पहचान के उद्देश्य से इसे हटाने के लिए कहा गया, तो उसने दावा किया कि ऐसा करने का उसका मौलिक अधिकारों के तहत संरक्षित है। इसके बाद अदालत को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अधिवक्ताओं पर लागू ड्रेस कोड के संबंध में नियमों को लेकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।
न्यायिक कार्यवाही की पवित्रता के लिए अधिवक्ताओं की स्पष्ट पहचान जरूरी
अपने आदेश में जस्टिस काज़मी ने ज़ोर देते हुए कहा कि नियमों में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि इस अदालत के समक्ष पेश होने के लिए इस तरह की कोई पोशाक (चेहरा ढकना) स्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि न्यायिक कार्यवाही की पवित्रता बनाए रखने के लिए उपस्थित सभी अधिवक्ताओं की स्पष्ट पहचान की आवश्यकता होती है।
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